नई दिल्ली. पुलवामा आंतकवादी हमले को आज दो बरस हो गए. इस हमले में 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे. इसे अंजाम दिया था पाकिस्तान परस्त आतंकवादी संगठनों ने. हालांकि इसके जवाब में पाकिस्तान को बालाकोट जैसी बड़ी कार्रवाई भी झेलनी पड़ती और भारत ने उससे हर तरह के रिश्ते खत्म कर दिए. यह स्थिति आज भी बरकरार है.
भारत की कूटनीतिक के चलते आज पाकिस्तान विश्व बिरादरी में सबसे अलग-थलग पड़ा है.पुलवामा के हमले में शहीद हुए नसीर अहमद की पत्नी शाजिया उस दिन को याद कर कहती हैं-‘
‘आज भी उसेे नहीं भूल पाई हूं. ’’
याद रहे कि दो वर्ष पहले 14 फरवरी का दिन इतिहास में जम्मू कश्मीर की दुखद घटना के रूप में दर्ज है. उसके जख्म आज भी हरे हैं, जब आतंकवादियों ने उस दिन को देश के सुरक्षाकर्मियों पर कायराना हमले के लिए चुना था. पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी थी, जिसमें 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे और कई गंभीर रूप से घायल.
इस आत्मघाती हमले में जम्मू के राजौरी के हेड कांस्टेबल नसीर अहमद भी शहीद हुए थे. शहीदों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में शहीद नसीर की पत्नी शाजिया को सम्मानित किया गया. भावुक शाजिया का कहना है कि वो आज भी उस दिन को नहीं भूल पाई हैं.
शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में सेना के जवानों ने गीत गाकर अपने साथियों को याद किया.