नई दिल्ली. कई विपक्षी दलों के नेताओं ने आगामी राष्ट्रपति चुनावों पर चर्चा करने के लिए बुधवार को यहां बैठक की और शरद पवार से संयुक्त उम्मीदवार बनने का आग्रह किया, लेकिन राकांपा के वरिष्ठ नेता ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.
बैठक में 18 जुलाई को होने वाले चुनाव में एक आम उम्मीदवार को मैदान में उतारने के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया. बैठक को तृणमूल कांग्रेस नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुलाया था.
उन्होंने कहा, ‘‘कई दल आज यहां थे. हमने तय किया है कि हम केवल एक आम सहमति वाले उम्मीदवार को चुनेंगे. हर कोई इस उम्मीदवार को अपना समर्थन देगा. हम दूसरों के साथ परामर्श करेंगे. यह एक अच्छी शुरुआत है. हम कई महीनों के बाद एक साथ बैठे हैं, और यह फिर से हम करेंगे .’’
बैठक में 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया. यह राष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना की तारीख के साथ मेल खाता था.
भाकपा नेता बिनॉय विश्वम ने बताया, ‘‘आज की विपक्षी बैठक में, सभी दलों ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए शरद पवार के नाम का प्रस्ताव रखा, लेकिन उन्होंने कहा कि वह अपने स्वास्थ्य के कारण ऐसा नहीं कर सकते. सभी दलों ने उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया.’’
सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा कि विपक्षी दल एक ऐसे उम्मीदवार के लिए उत्सुक है, जो वास्तव में संविधान के संरक्षक के रूप में काम कर सके.
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुई बैठक में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने हिस्सा नहीं लिया. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में तेलंगाना राष्ट्र समिति ने बैठक में एक प्रतिनिधि नहीं भेजा. बीजद, अकाली दल, एआईएमआईएम जैसे बड़े दल भी बैठक से नदारद रहे.
कांग्रेस ने 16 अन्य राजनीतिक दलों के साथ बैठक में भाग लिया. बैठक में टीएमसी, कांग्रेस और एनसीपी के अलावा, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआईएमएल, आरएसपी, शिवसेना, राजद, एसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, जेडी (एस), डीएमके, आरएलडी, आईयूएमएल और झामुमो शामिल थे. यहां कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित बैठक में हिस्सा लिया. राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होना है और वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी.