राष्ट्रपति ने कहा लाल किले पर तिरंगे का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 3 Years ago
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस पर किसान प्रदर्शनकारियों की ओर से लाल किले पर हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को संसद के बजट सत्र के अभिभाषण के दौरान लोगों से संविधान के नियम-कायदों का पालन करने की अपील की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।

अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के संघीय ढांचे की सराहना की है. इसके साथ ही कोविड महामारी के समय सरकार के उठाए कदमों की भी उन्होंने तारीफ की. 

संसद का बजट सत्र शुरू होने पर अपने अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति ने कोविड महामारी पर सरकार के कदमों पर कहा, “मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है. आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है.”

राष्ट्रपति ने केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय की तारीफ करते हुए कहा कि इससे एकतरफ लोकतंत्र मजबूत हुआ है, तो साथ ही संविधान भी सशक्त हुआ है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में कहा, “मेरी सरकार ने संघीय ढांचे की सामूहिक शक्ति का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया है. केंद्र और राज्य सरकारों के बीच इस समन्वय ने लोकतंत्र को मजबूत बनाया है और संविधान की प्रतिष्ठा को सशक्त किया है.”

उन्होंने कहा कि चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा. भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है.

राष्ट्रपति ने कोरोना काल में आर्थिक मोर्चे पर सरकार के कार्यों की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही मेरी सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े. 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना' के माध्यम से 8महीनों तक 80करोड़ लोगों को 5किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया. सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि महामारी के कारण शहरों से वापस आए प्रवासियों को उनके ही गांवों में काम देने के लिए मेरी सरकार ने छह राज्यों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी चलाया. इस अभियान की वजह से 50 करोड़ मानव दिवस के बराबर रोजगार पैदा हुआ. करीब 31 हजार करोड़ रुपए गरीब महिलाओं के जनधन खातों में सीधे ट्रांसफर भी किए. इस दौरान देशभर में उज्‍ज्वला योजना की लाभार्थी गरीब महिलाओं को 14करोड़ से अधिक मुफ्त गैस सिलेंडर भी मिले. 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत देश में 1.5 करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिला है. इससे इन गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा, खर्च होने से बचे हैं.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, "हमारे लिए गर्व की बात है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है। इस प्रोग्राम की दोनों वैक्सीन भारत में ही निर्मित हैं. संकट के इस समय में भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन की लाखों खुराक उपलब्ध कराई हैं."

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोरोना काल में बनी वैश्विक परिस्थितियों ने, जब हर देश की प्राथमिकता उसकी अपनी जरूरतें थीं, हमें ये याद दिलाया है कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण क्यों इतना महत्वपूर्ण है. यदि अपने महत्व को बढ़ाना है तो दूसरों पर निर्भरता को कम करते हुए आत्मनिर्भर बनना होगा.