पीएम मोदी से पीओके के वसीम मलिक की अपील, ‘जुल्म से निजात दिलाओ’

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 19-01-2022
वसीम मलिक
वसीम मलिक

 

नई दिल्ली-मुजफ्फराबाद (पीओके). पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के निवासियों की मदद के लिए भारत पहुंचने की एक और घटना में, मुजफ्फराबाद के एक व्यक्ति ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से समर्थन और हस्तक्षेप की अपील की है, क्योंकि वह, उनकी पत्नी पीओके प्रशासन द्वारा बच्चों को उनके घर से निकाल दिया गया, जिससे उन्हें हड्डियों के सुन्न होने वाली ठंड में खुले आसमान के नीचे दिन और रात बिताने के लिए मजबूर होना पड़ा.

वायरल हुए एक वीडियो में, मलिक वसीम मुजफ्फराबाद में अधिकारियों की मनमानी से उसे और उसके परिवार को बचाने के लिए भारत से हस्तक्षेप की मांग करते हुए दिखाई दे रहा है.

वसीम वीडियो में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सड़क पर एक खाट पर बैठे पृष्ठभूमि में कहते हैं, ‘पुलिस और अधिकारियों ने हमारे घर को सील कर दिया है. मैं घोषणा करता हूं कि हमारे (मेरे परिवार) लिए मुजफ्फराबाद के आयुक्त, मुजफ्फराबाद के तहसीलदार जिम्मेदार होंगे.’

मुजफ्फराबाद के सूत्रों ने कहा कि मुजफ्फराबाद के स्थानीय प्रशासन ने व्यक्ति को उसके घर से बेदखल कर दिया है और उसकी जमीन को एक प्रभावशाली व्यक्ति ने पुलिस की मिलीभगत से अपने कब्जे में ले लिया है.

वह व्यक्ति कहता है कि भूमि भारत की है और इसका स्वामित्व गैर-मुसलमानों और सिखों के पास है.

उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने हजारों नागरिकों के घरों को सील कर दिया है और उनके परिवारों और बच्चों को इस भीषण मौसम में सड़कों पर रहने के लिए मजबूर किया है.’

पीओके में प्रभावशाली लोगों द्वारा जबरदस्ती लोगों को उनके घरों से बेदखल करने की कई घटनाएं हुई हैं.

विडीयो में वसीम कहते हैं, ‘मैं पीएम मोदी से आकर उन्हें (पाकिस्तान को) सबक सिखाने का आग्रह करता हूं. यह आपकी संपत्ति है. ये (संपत्तियां) गैर-मुस्लिमों और सिखों की हैं. आओ और लोगों को इन अत्याचारों से बचाएं.’

थाना सिटी सदर पुलिस के एसएचओ सबर नकवी के रूप में पुलिस अधिकारी की पहचान करते हुए, वसीम ने कहा, ‘आज वे हमें इस कड़ाके की ठंड में ले गए हैं. उन्होंने हमें किन कानूनों के तहत बेदखल किया है?’

निवासियों ने क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों पर अधिकारियों के खिलाफ बार-बार विरोध किया है. पीओके जम्मू और कश्मीर का हिस्सा है, जिस पर 1947 में पाकिस्तान ने हमला किया था. तब से यह क्षेत्र भेदभाव और अत्याचारों से जूझ रहा है.

वसीम कहते हैं, ‘मैं कमिश्नर से अपील करता हूं कि अगर दो घंटे के भीतर मेरा घर मुझे नहीं लौटाया गया, तो मैं आत्महत्या करके मर जाऊंगा और इसके लिए वह जिम्मेदार होंगे.’

वीडियो से पता चलता है कि यह इलाका मुजफ्फराबाद में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल इलाके के पास है.