पीएमओ बना मसीहा, कतर में फंसे दंपति के लिए की बड़ी कार्रवाई

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 3 Years ago
मुहम्मद शारिक और ओनिबा कुरैशी
मुहम्मद शारिक और ओनिबा कुरैशी

 

 

मंसूरुद्दीन फरीदी / नई दिल्ली

“जब सभी दरवाजे बंद लग रहे थे और कोई भी नहीं सुन रहा था. हम निराश थे. उस समय, ‘प्रधानमंत्री कार्यालय’ यानी पीएमओ ने हमारे अनुरोध को सुना और हमारी चिंता को समझा और उस दिशा में काम करना शुरू किया. परिणामस्वरूप, निराशा के समुद्र में अब आशा की रोशनी आई है.” ये शब्द मुंबई की ओनिबा कुरैशी की मां अजीम कौसर कुरैशी के हैं, जिन्होंने ‘आवाज-द वॉयस’ से बातचीत में यह बात कही.

एक दंपति अपने हनीमून के लिए कतर गया था. ससुरालियों ने हनीमून को का इंतजाम किया था, लेकिन उनके सामान में ड्रग्स का एक पैकेट मिला, जो लड़के की मामी का था. इसके बाद उन्हें कतर की जेलों में 15महीने तक रहना पड़ा.

एक भयानक साजिश और एक दर्दनाक कहानी ने मुंबई के दो परिवारों को हिलाकर रख दिया, लेकिन इस कठिन समय में, परिवार ने लड़ाई जारी रखी. पहले तो यह मामला देश के बाहर था और दूसरे ड्रग्स से संबंधित था. लेकिन इस हताशा के दौरान, अगर कोई उम्मीद थी, तो वह पीएमओ था.

ओनिबा की मां अजीम कौसर कुरैशी के अनुसार, बढ़िया बात यह है कि सरकार ने हमारे बच्चों को निर्दोष माना, हमें एक सकारात्मक जवाब दिया कि आपके बच्चे निर्दोष हैं. पीएमओ ने इस संबंध में कूटनीतिक पहल की. उन्होंने कतर सरकार को सूचित किया कि दंपति निर्दोष था और एक साजिश में उसका इस्तेमाल किया गया.

कोई सुन नहीं रहा था

ओनिबा कुरैशी की बहन कायनात कहती हैं, देखो! जब किसी ने नहीं सुना, प्रधानमंत्री ने सुना. दरअसल, जब हमने प्रधानमंत्री के पोर्टल पर यह मामला दर्ज करवाया, तो वहां से पहली पहल की गई. सबसे पहले, पीएमओ ने हमें जवाब दिया कि आपके बच्चे निर्दोष हैं और सरकार इस संबंध में पहल कर रही है. हां, वहां कोई परदादारी नहीं थी, किसी ने धर्म या जाति नहीं देखी. सरकार को किसी ने कुछ नहीं कहा. हम बुरा नहीं कह सकते. सरकार वह है, जो जरूरतमंदों की मदद करती है. हमारे मामले में, सरकार ने पहले दिन से मदद की. सरकार और नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा एक असंभव बात संभव की गई है. प्रधानमंत्री के पोर्टल ने इस मामले में विशेष अधिकारियों की नियुक्ति की. दो बार हमारे माता-पिता दिल्ली गए थे. वे अधिकारियों से मिले थे. हमने इस मामले में इतने सबूत और दस्तावेज तैयार किए थे कि पुलिस को इस पर मेहनत नहीं करनी पड़ी.

मेहनत का फल सामने है

इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, कतर के सर्वोच्च न्यायालय ने अब मामले की समीक्षा करने का आदेश दिया है. दंपति को एक अदालत ने मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में दस साल जेल की सजा सुनाई थी.

यही नहीं, 3फरवरी के अपने आदेश में, कोर्ट ऑफ अपील ने नोट किया कि अदालत का फैसला कमजोर था, चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि उसने बचाव पक्ष पर विचार नहीं किया था. निर्णय में दस्तावेजों के साथ बचाव का जवाब नहीं दिया, क्योंकि उनका कोई आपराधिक इरादा नहीं था, क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि मामला ड्रग्स का था. उन्हें एक रिश्तेदार द्वारा धोखा दिया गया था. यह एक बड़ी उपलब्धि थी कि कतर के सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार किया कि इस मामले में न्याय नहीं हुआ था.

हम बहुत आभारी हैं

कायनात ने आवास-द वॉयस को बताया कि कतर में ड्रग के मामलों को बहुत जल्द हैंडल किया जाता है. निर्णय दिसंबर में किया गया था, लेकिन एनसीबी ने नवंबर में काम शुरू कर दिया था. एनसीबी ने हम पर विश्वास किया. एनसीबी ने पूरे ऑपरेशन का समन्वय किया. अपना केस तैयार किया. एक राजनयिक अभियान शुरू किया. सरकार हमारे लिए सक्रिय है. हम बहुत आशावादी हैं और ऐसा होना चाहिए, क्योंकि अब हम बीच में नहीं हैं, लेकिन सरकार हमारे लिए कार्रवाई कर रही है. सरकार ने जो किया है, इतिहास में शायद ही ऐसा हुआ हो. ड्रग्स के मामले में पेच बहुत बड़ा है.

सरकार ने आम जनता को खास बनाया

“हमने बहुत सारी कागजी कार्रवाई की,” कायनात कहती हैं. उन्होंने कहा कि एनसीबी और सरकार को सभी साक्ष्य और दस्तावेजों के रिकॉर्ड और रिकॉर्डिंग प्रदान किए गए थे, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार क्या कर रही है. अगर सरकार ने इसे नजरअंदाज किया होता, तो हम भटक जाते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. एक स्पष्ट स्टैंड ले लिया, इससे बड़ा और क्या हो सकता है. हम आम लोग हैं, फिर भी सरकार ने हमें खास बनाया है. यह भावना बहुत संतोषजनक है. अबिना कुरैशी का परिवार कहता है कि वे एनसीबी प्रमुख राकेश अस्थाना के आभारी हैं, जिन्होंने बहुत मदद की.

क्या था पूरा मामला?

मुहम्मद शारिक और ओनिबा कुरैशी को 2019 में दोहा के हमाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उनके सामान में 4.1 किलोग्राम हशीश ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. दंपति को उनके ‘दूसरे हनीमून’ के लिए कतर जाने का दोषी ठहराया गया था. इस यात्रा को शारिक की मामी तबस्सुम रियाज कुरैशी ने प्रायोजित किया था. उन्होंने कथित तौर पर दंपति को ड्रग्स का एक पैकेट दिया और कहा था कि इसमें तम्बाकू था, जो कतर में एक दोस्त को देना था. इस युगल ने मई 2018 में शादी की और अपने हनीमून के लिए पहले बैंकॉक गए. शारिक एक जापानी वित्तीय प्रौद्योगिकी फर्म में प्रबंधन सलाहकार हैं और ओनिबा ने शादी के बाद मुंबई की एक निजी फर्म में मैनेजर की नौकरी छोड़ दी थी.