पीएम श्री: माकपा के प्रदेश सचिव ने एमओयू पर मंत्रिमंडल, एलडीएफ में चर्चा न करने की 'चूक' स्वीकार की

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 02-11-2025
PM Shri: CPI(M) state secretary admits 'lapse' in not discussing MoU in Cabinet, LDF
PM Shri: CPI(M) state secretary admits 'lapse' in not discussing MoU in Cabinet, LDF

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन ने रविवार को स्वीकार किया कि केंद्र के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से पहले राज्य मंत्रिमंडल या एलडीएफ के भीतर ‘पीएम श्री’ योजना पर चर्चा नहीं करना एक ‘‘चूक’’ थी।
 
राज्य सरकार ने हाल में एलडीएफ के प्रमुख सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की आलोचना के बाद प्रधानमंत्री की ‘स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया’ (पीएम श्री) योजना के तहत केंद्र के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) को स्थगित करने का निर्णय लिया था।
 
गोविंदन ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हम केवल एक बात स्वीकार करते हैं - यह सच है कि मंत्रिमंडल और एलडीएफ (वाम लोकतांत्रिक मोर्चा)ने इस पर चर्चा नहीं की और कोई निर्णय नहीं लिया। यह एक चूक थी। मैंने इसे स्वीकार किया है।’’
 
माकपा नेता ने कहा कि उन्होंने, मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए हस्तक्षेप किया था।
 
उन्होंने कहा, ‘‘मैं शुरू से ही कह रहा हूं कि एलडीएफ सभी मामलों पर चर्चा करेगा, निर्णय लेगा और मिलकर आगे बढ़ेगा। यह बात अब सच साबित हुई है।’’
 
माकपा नेता ने बताया कि पार्टी सचिवालय और प्रदेश समिति की आज दिन में बैठक हुई थी। उन्होंने कहा, ‘‘आगामी चुनावों की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। एलडीएफ आगामी चुनावों में सभी नगर निकायों में बढ़त हासिल करेगा।’’
 
गोविंदन ने राज्य सरकार के गरीबी उन्मूलन के दावे को ‘‘फर्जी’’ बताने के लिए विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन पर भी निशाना साधा।
 
उन्होंने कहा कि अत्यधिक गरीबी में रहने वाले लोगों की पहचान करने की परियोजना 2021 में शुरू हुई थी, जब वह स्थानीय स्वशासन मंत्री थे।
 
उन्होंने सतीशन से राज्य भर में यात्रा कर ऐसे लोगों की पहचान करने का आग्रह किया जो अब भी अत्यधिक गरीबी में हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘‘अगर उन्हें कोई मिलता है, तो हम उसे अपने कार्यक्रम में शामिल करेंगे और उसकी स्थिति सुधारने के लिए काम करेंगे।’’
 
गोविंदन ने कहा कि केरल ने राज्य के गठन के बाद से लगातार सरकारों के प्रयासों के कारण यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा, ‘‘2021 में, केवल 0.5 प्रतिशत आबादी ही अत्यधिक गरीबी में जीवन यापन कर रही थी। उच्च गरीबी स्तर वाले राज्यों के लिए यह उपलब्धि हासिल करना मुश्किल हो सकता है।’’