आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 अक्टूबर को राज्य की अपनी यात्रा के दौरान तेलंगाना में 13,500 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और राष्ट्र को समर्पित करेंगे.
प्रधानमंत्री दोपहर करीब 2:15 बजे महबूबनगर पहुंचेंगे और एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करेंगे, जहां वह सड़क, रेल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, उच्च शिक्षा जैसे क्षेत्रों की विभिन्न परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे और आधारशिला रखेंगे.
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाएंगे.
वह वारंगल से खम्मम खंड तक राष्ट्रीय राजमार्ग-163जी के 108किमी लंबे चार लेन एक्सेस नियंत्रित नये राजमार्ग और 90किलोमीटर लंबे खम्मम से विजयवाड़ा खंड की आधारशिला रखेंगे.
इन सड़क परियोजनाओं को कुल लगभग 6,400 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, परियोजनाओं से वारंगल तथा खम्मम के बीच यात्रा की दूरी लगभग 14 किमी और खम्मम तथा विजयवाड़ा के बीच लगभग 27 कि.मी. कम हो जाएगी.
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 365बीबी पर सूर्यापेट से खम्मम तक 59किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना राष्ट्र को समर्पित भी करेंगे. लगभग 2,460करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह परियोजना हैदराबाद-विशाखापत्तनम कॉरिडोर का हिस्सा है और इसे भारतमाला परियोजना के तहत विकसित किया गया है. यह खम्मम जिले और आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.
पीएम मोदी 37 किलोमीटर लंबी जैकलेर-कृष्णा नई रेल लाइन का भी लोकार्पण करेंगे. पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित, नया रेल लाइन खंड पहली बार पिछड़े जिले नारायणपेट के क्षेत्र को रेलवे के मानचित्र पर लाएगा.
प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कृष्णा स्टेशन से हैदराबाद (काचेगुडा) - रायचूर - हैदराबाद (काचेगुडा) ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाएंगे. ट्रेन सेवा तेलंगाना के हैदराबाद, रंगारेड्डी, महबूबनगर, नारायणपेट जिलों को कर्नाटक के रायचूर जिले से जोड़ेगी. यह सेवा महबूबनगर और नारायणपेट के पिछड़े जिलों के कई नए क्षेत्रों में पहली बार रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे क्षेत्र में छात्रों, दैनिक यात्रियों, मजदूरों और स्थानीय हथकरघा उद्योग को लाभ होगा.
पीएम मोदी हसन-चेरलापल्ली एलपीजी पाइपलाइन परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. लगभग 2,170 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, कर्नाटक के हसन से चेरलापल्ली (हैदराबाद का उपनगर) तक एलपीजी पाइपलाइन, क्षेत्र में एलपीजी परिवहन और वितरण का एक सुरक्षित, लागत प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल तरीका प्रदान करती है.
वह कृष्णापट्टनम से हैदराबाद (मलकापुर) तक 'भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की बहु-उत्पाद पेट्रोलियम पाइपलाइन' की आधारशिला भी रखेंगे. करीब 425 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन 1,940 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाएगी. यह क्षेत्र में पेट्रोलियम उत्पादों की सुरक्षित, तेज़, कुशल और पर्यावरण अनुकूल आपूर्ति प्रदान करेगी.
प्रधानमंत्री हैदराबाद विश्वविद्यालय की पांच नई इमारतों का भी उद्घाटन करेंगे. इनमें स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स , गणित एवं सांख्यिकी विद्यालय; प्रबंधन अध्ययन स्कूल; व्याख्यान कक्ष परिसर -3; और सरोजिनी नायडू स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड कम्युनिकेशन शामिल हैं.