पीएम मोदी ने देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत नौसेना को सौंपा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 02-09-2022
स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत
स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत

 

नई दिल्ली.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के कोच्चि में शुक्रवार को में ही बने विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को नौसेना में शामिल किया. इस एयरक्राफ्ट कैरियर को मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है.

यह अब तक का भारत का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर शिप है. भारत से पहले सिर्फ पांच देशों ने 40 हजार टन से ज्यादा वजन वाला एयरक्राफ्ट कैरियर बनाया है. आईएनएस विक्रांत का वजन 45 हजार टन है.

भारतीय नौसेना के लिए शुक्रवार का दिन अहम है. उसे अपना पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत मिल गया और अंग्रेजों के जमाने के निशान से आजादी भी मिल गई। केरल के कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किए गए इस विमान वाहक पोत के निर्माण में 20,000 करोड़ रुपये की लागत आई है.

इससे नौसेना की ताकत दोगुनी हो जाएगी. भारतीय नौसेना ब्रिटिश काल में ही अस्तित्व में आ गई थी. भारतीय नौसेना के वर्तमान ध्वज के ऊपरी बाएं कोने में तिरंगे के साथ सेंटजॉर्ज क्रॉस है.

2 अक्टूबर 1934 को नेवी सेवा का नाम बदलकर रॉयल इंडियन नेवी किया गया था. 26 जनवरी 1950 को भारत के गणतंत्र बनने के साथ रॉयल को हटा दिया गया और इसे भारतीय नौसेना का नाम दिया गया.

हालांकि, ब्रिटेन के औपनिवेशिक झंडे को नहीं हटाया गया. अब पीएम मोदी भारतीय नौसेना को नया ध्वज देंगे. इसके निर्माण की शुरूआत फरवरी 2009 में हुई थी. पहली बार विक्रांत को अगस्त 2013 में पानी में उतारा गया.

इस एयरक्राफ्ट कैरियर का बेसिन ट्रायल नवंबर 2020 में शुरू हुआ. इसके बाद जुलाई 2022 में इसका समुद्री ट्रायल पूरा हुआ. ट्रायल पूरा होने के बाद जुलाई 2022 में कोचीन शिपयार्ड ने इसे नौसेना को सौंप दिया.

इसे बनाने में 20 हजार करोड़ की लागत आई. इस शिप के अलग-अलग पार्ट्स 18 राज्यों में बने हैं. इस एयरक्राफ्ट कैरियर में 76 फीसदी स्वदेशी सामान का उपयोग किया गया है. ये जहाज एक टाउनशिप जितनी बिजली आपूर्ति कर सकता है.

इसे बनाने में 21 हजार टन से ज्यादा विशेष ग्रेड स्टील का इस्तेमाल किया गया. इसमें 2,600 किलोमीटर से ज्यादा इलेक्ट्रिक केबल का भी इस्तेमाल किया गया है. इसके साथ ही 150 किलोमीटर से ज्यादा पाइपलाइन भी उपयोग में लाई गई है.

इसकी ऊंचाई 61.6 मीटर यानी 15 मंजिला इमारत जितनी है. वहीं लंबाई की बात करें तो ये 262.5 मीटर लंबी है. इसमें 1600 क्रू मेंबर आराम से रह सकते हैं. इस जहाज में 2300 कंपार्टमेंट बनाए गए हैं.

इस जहाज पर मिग-29 के लड़ाकू विमान और केए-31 हेलिकॉप्टरों का एक बेड़ा तैनात किया जाएगा.