आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के वर्धा में राष्ट्रीय 'पीएम विश्वकर्मा' कार्यक्रम के दौरान आयोजित एक प्रदर्शनी का दौरा किया. इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजीत पवार और केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी मौजूद थे. राष्ट्रीय 'पीएम विश्वकर्मा' कार्यक्रम पीएम विश्वकर्मा के तहत प्रगति के एक वर्ष का प्रतीक है.
प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम को बाद में संबोधित करेंगे. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री पीएम विश्वकर्मा लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और ऋण जारी करेंगे. इस योजना के तहत कारीगरों को दिए जाने वाले ठोस समर्थन के प्रतीक के रूप में, वह 18 ट्रेडों के तहत 18 लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा के तहत ऋण भी वितरित करेंगे. समाज में उनकी विरासत और स्थायी योगदान के सम्मान में, वह पीएम विश्वकर्मा के तहत प्रगति के एक वर्ष को चिह्नित करने के लिए समर्पित एक स्मारक डाक टिकट जारी करेंगे.
इसके अलावा, प्रधानमंत्री महाराष्ट्र के अमरावती में पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्र) पार्क की आधारशिला रखेंगे. 1000 एकड़ में फैले इस पार्क को महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) द्वारा राज्य कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में विकसित किया जा रहा है. भारत सरकार ने कपड़ा उद्योग के लिए 7 पीएम मित्र पार्क स्थापित करने को मंजूरी दी थी.
पीएम मित्र पार्क भारत को कपड़ा निर्माण और निर्यात का वैश्विक केंद्र बनाने के विजन को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. प्रधानमंत्री महाराष्ट्र सरकार की "आचार्य चाणक्य कौशल विकास केंद्र" योजना का शुभारंभ करेंगे. 15 से 45 वर्ष की आयु के युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए राज्य भर के प्रसिद्ध कॉलेजों में कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और विभिन्न रोजगार अवसरों तक पहुँच सकें.
राज्य भर में लगभग 1,50,000 युवाओं को हर साल मुफ्त कौशल विकास प्रशिक्षण मिलेगा. प्रधानमंत्री "पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर महिला स्टार्टअप योजना" का भी शुभारंभ करेंगे. इस योजना के तहत, महाराष्ट्र में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप को शुरुआती चरण का समर्थन दिया जाएगा. 25 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. इस योजना के अंतर्गत कुल प्रावधान का 25 प्रतिशत सरकार द्वारा निर्दिष्ट पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा.