मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली
कोविड 19 की दूसरी लहर ने बिहार को भी अपने लपेटे में ले लिया है. ताजा समाचार मिलने तक, पिछली लहर में अछूते रह गए गांवो से दर्जनों मौतों की खबर आ रही है. हालांकि, एकतरफ बिहार सरकार ने संक्रमण के आंकड़े कम होने के बयान दिए हैं. जबकि बिहार के छात्र संगठनों ने इसे आंकड़ो का खेल बता रहे हैं.
पशुशालाः मधुबनी जिले में खजौली प्रखंड का एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
बहरहाल, कोरोना संक्रमण के इस दौर में लोगों का ध्यान बिहार के विभिन्न इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली की ओर गया है. खासकर, टेक्नो-सेवी युवा और प्रवासी बिहारियों ने सूबे में स्वास्थ्य सुविधाओं की बहाली और बंद पड़े प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को खुलवाने के लिए सोशल मीडिया अभियान चलाना शुरू किया है.
#AphcChalukaro हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर शुरू हुआ यह अभियान अब सुदूर गांवों के युवाओं तक पहुंच रहा है और वह संगठित होकर अपने-अपने गांवों के बंद पड़े अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को पुनः चालू करवाने की मांग कर रहे हैं.
रेफरल अस्पताल, महिषी
हालांकि, यह अभियान कुछ पत्रकारों ने शुरू किया था लेकिन अब इसकी कमान बिहार के मिथिला इलाके में काम करने वाले युवाओं के गैर-राजनीतिक संगठन मिथिला स्टूडेंट यूनियन (एमएसयू) के हाथ में है. अभियान से जुड़े छात्र नेता आदित्य मोहन कहते हैं, “हमारे गांवों के एपीएचसी और नवनिर्मित वेलनेस सेंटर बंद पड़े हुए हैं. कहीं डॉक्टर नहीं है तो कहीं भवन खंडहर हो चुका है. लोगों 25-25 किलोमीटर दूर जाकर अस्पतालों मे भर्ती होने को मजबूर हैं. न केवल पुराने स्वास्थ्य केंद्र बल्कि नवनिर्मित स्वास्थ्य केंद्र भी डॉक्टरों के अभाव में बंद पड़े हुए हैं.”
स्वास्थ्य केंद्र, रसियारी, दरभंगा
अभियान से जुड़े दूसरे युवा अनूप मैथिल कहते हैं, “हमने स्थानीय युवाओं से समन्वय स्थापित कर एक वृहत स्तर पर कैंपेन शुरू किया. यह अब वृहत आंदोलन का रूप लेता जा रहा है.”
इस अभियान के तहत सबसे पहले बिहार के सहरसा जिले के बनगांव स्वास्थ्य केंद्र के बंद पड़े स्वास्थ्य केंद्र को, जिसमें भूसा रखा हुआ था, खुलवाया गया.
स्वास्थ्य केंद्र, रशीदपुर, मधुबनी
बनगांव से शुरू हुआ यह अभियान अन्य गांवों और जिलों में फैलने लगा. मनियारी मुजफ्फरपुर के युवाओं ने भी संगठित होकर प्रयास शुरू किया और स्थानीय प्रशासन को एक्शन लेने के लिए मजबूर किया.
अब यह अभियान मिथिला क्षेत्र के अनगिनत गांवों में पहुंच चुका है.