श्रीलंका के लोग नरेंद्र मोदी और भारत का बहुत सम्मान करते हैं : सेंथिल थोंडामन

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
 सेंथिल थोंडामन
सेंथिल थोंडामन

 

चेन्नई. श्रीलंका के सबसे बड़े ट्रेड यूनियन सीलोन वर्कर्स कांग्रेस के अध्यक्ष सेंथिल थोंडामन ने कहा है कि उनके देश के लोग नरेंद्र मोदी और भारत सरकार का बहुत सम्मान करते हैं.थोंडामन श्रीलंका में उवा प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री और उसी प्रांत में पूर्व मंत्री भी थे. संसद में उनकी पार्टी सीलोन वर्कर्स कांग्रेस के दो सदस्य हैं. थोंडामन जल्लीकट्टू का उत्साही प्रशंसक हैं. उन्होंने जल्लीकट्टू के बारे में दुनिया भर में जागरूकता पैदा की है. उन्होंने एक टेलीफोनिक साक्षात्कार में आईएएनएस से बात की :

सवाल : श्रीलंका संकट से जूझ रहा है और स्थिति गंभीर है. आप मौजूदा हालात को कैसे आंकते हैं और भविष्य क्या है?

जवाब : श्रीलंका वास्तव में मुश्किल दौर से गुजर रहा है. हालांकि, हम एक लोकतांत्रिक देश हैं और हमारी अपनी ताकतें हैं. नई सरकार बनने के बाद हमें यह देखना होगा कि वे इस मुद्दे से कैसे निपटते हैं. हम आशावादी हैं, लेकिन रातोरात समाधान नहीं होगा और इसमें समय लगेगा. मुझे लगता है कि अगर सरकार एकजुट हो जाए तो चीजें बेहतर हो जाएंगी.

सवाल : राजपक्षे परिवार का कड़ा विरोध था और यहां तक कि रानिल विक्रमसिंघे को भी जनता के विद्रोह का सामना करना पड़ा था. इस पर आपकी टिप्पणी?

जवाब : राजपक्षे परिवार के खिलाफ जनता में आक्रोश था और लोगों ने अपना गुस्सा निकाला. लोग भोजन और सभी आवश्यक वस्तुओं की कमी सहित सभी प्रकार की समस्याओं से पीड़ित थे. नौकरियां नहीं थीं और बेरोजगारी सर्वकालिक उच्च स्तर पर थी. विदेशी मुद्रा भंडार बहुत कम था और यहां तक कि ईंधन और खाद्य पदार्थो सहित आवश्यक वस्तुओं का भी आयात नहीं किया जा सकता था. इससे अराजकता फैल गई. जहां तक रानिल विक्रमसिंघे का सवाल है, वह देश के सबसे अनुभवी सांसदों में से एक हैं और उन्हें काम करने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए और देखते हैं कि चीजें कैसी रहती हैं.

सवाल : क्या आपकी पार्टी सरकार में शामिल हो रही है?

जवाब : हमारे पास दो संसद सदस्य हैं और इस समय हम कैबिनेट में नहीं हैं. आने वाले दिनों में अगर प्रस्ताव आया तो उस पर विचार करेंगे. चलिए, इंतजार करते हैं.

सवाल : श्रीलंकाई संकट पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया कैसी थी?

जवाब : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने 'पड़ोसी पहले' नीति के तहत हमें आवश्यक चीजें देकर हमारी मदद की. भारत सरकार द्वारा समय पर दी गई सहायता और हमारे संकट में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा दिखाई गई विशिष्ट रुचि ने हमारी स्थिति सुधारी है. हमें भारत सरकार द्वारा सभी आवश्यक चीजें दी गईं और श्रीलंका के लोग भारतीय प्रधानमंत्री और भारत सरकार का बहुत सम्मान करते हैं.

सवाल : श्रीलंका में चीन के कई व्यावसायिक हित हैं. आप चीन और भारत के साथ लोगों के संबंधों को कैसे आंकते हैं?

जवाब : आप देखते हैं कि दोनों बिल्कुल अलग हैं. भारत और श्रीलंका का संबंध बहुत पुराना है. हम सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक रूप से एक-दूसरे से बंधे हुए हैं. लोग भारतीयों को अपना भाई मानते हैं और भारत के लिए जो प्यार और सम्मान है, वह चीनियों से बिल्कुल अलग है. चीन एक ऐसा देश है, जिसके साथ हमारे व्यापारिक संबंध हैं, लेकिन भारत के साथ संबंध बिल्कुल अलग हैं. भारतीय लोग श्रीलंकाई भाइयों के समान हैं.

सवाल : आपके लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के साथ मिलकर काम करने और श्रीलंका वापस आने की खबरें हैं. आपकी टिप्पणी?

जवाब : मुझे नहीं लगता कि श्रीलंका में लिट्टे के वापस आने की कोई संभावना है. इस समय श्रीलंका में इस तरह की कोई राजनीतिक चाल नहीं चली जा रही है और लिट्टे के साथ काम करने की बात बिल्कुल असत्य है. ऐसी खबरें जमीनी स्तर की सही तस्वीर नहीं देती हैं.

सवाल : सीलोन वर्कर्स कांग्रेस की मुख्य गतिविधियां क्या हैं?

जवाब : सीलोन वर्कर्स कांग्रेस श्रीलंका में सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन है और एक राजनीतिक दल के रूप में हम अंग्रेजों के जाने के बाद से श्रीलंका में भारतीय मूल के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिए अथक संघर्ष कर रहे हैं. हम श्रीलंका में भारतीय मूल के लोगों के लिए नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम हुए, क्योंकि सीलोन वर्कर्स कांग्रेस 1965 से ही मुद्दे उठाती रही है और भारतीय मूल के लोगों को नागरिकता का अधिकार मिला और अंतिम बैच को 2003 में नागरिकता मिली. यह सीलोन वर्कर्स कांग्रेस की प्रमुख उपलब्धियों में से एक रही है.