बाराबंकी मस्जिद विध्वंस की जांच के लिए पैनल गठित

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 25-05-2021
बाराबंकी मस्जिद (फाइल फोटो)
बाराबंकी मस्जिद (फाइल फोटो)

 

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले सप्ताह जिला प्रशासन द्वारा ढहाए गई बाराबंकी मस्जिद के मामले में दस्तावेजों की सत्यता की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है.

राज्य अल्पसंख्यक मामलों के विभाग 2019 में जाली दस्तावेज जमा करके मस्जिद को वक्फ संपत्ति के रूप में नामित करने के लिए आठ लोगों के खिलाफ पहले ही प्राथमिकी दर्ज करवा चुका है.

विशेष सचिव शिवकांत द्विवेदी सहित विभाग के तहत आंतरिक समिति को बाराबंकी में रामसनेही घाट पर एक अवैध ढांचे के निर्माण में कथित रूप से जाली दस्तावेजों की जांच करने के लिए कहा गया है.

समिति के अन्य सदस्यों में विभाग के दो उप निदेशक शामिल हैं.

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा है कि संरचना 100 साल पुरानी मस्जिद थी, जो कानूनी रूप से पंजीकृत थी, जबकि बाराबंकी जिला प्रशासन ने दावा किया था कि “अतिक्रमण विरोधी अभियान के हिस्से के रूप में अवैध संरचना को ध्वस्त कर दिया गया था.”

सुन्नी वक्फ बोर्ड और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विध्वंस की निंदा की है और इस मुद्दे पर अदालत जाने की चेतावनी दी है.