पाकिस्तान ने पीओके में घटाई आतंकियों की संख्या, जानिए क्यों

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 19-03-2022
पाकिस्तान ने पीओके में घटाई आतंकियों की संख्या, जानिए क्यों
पाकिस्तान ने पीओके में घटाई आतंकियों की संख्या, जानिए क्यों

 

नई दिल्ली. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के उद्देश्य से इस्लामाबाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों की संख्या को कम करने की योजना बना रहा है.


सूत्रों के मुताबिक, पिछले साल मार्च में 125 के मुकाबले इस समय पीओके में करीब 70 आतंकी मौजूद हैं.

 

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को इस तरह की पहल करने के लिए मजबूर होना पड़ा है, क्योंकि उसे एफएटीएफ लिस्टिंग के कारण अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से वित्तीय सहायता प्राप्त करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा था.

 

4 मार्च को आयोजित अपने अंतिम पूर्ण सत्र में, पेरिस स्थित वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण प्रहरी ने पाकिस्तान को चार और महीनों की विस्तारित अवधि के लिए अपनी ग्रे सूची में रखने का फैसला किया और इस्लामाबाद को दो संबंधित कार्य योजनाओं से शेष कमियों का पालन करने के लिए कहा.

 

एफएटीएफ के अनुसार, पाकिस्तान ने एक अभूतपूर्व समय सीमा के भीतर मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित सात 'एक्शन प्लान' मदों को संबोधित किया है और आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित 27 लक्ष्यों में से 26 को पूरा किया है.

 

देश अब अपनी दोनों एफएटीएफ कार्य योजनाओं को पूरा करने से केवल दो कदम दूर है.

 

पाकिस्तान जून 2018 से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग की जांच करने में असमर्थता के लिए ग्रे लिस्ट में है, लेकिन बाद के वर्षों में, वह एफएटीएफ द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा करने में विफल रहा.

 

पाकिस्तान की ताजा पहल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा ग्रिड में तैनात अधिकारियों ने कहा कि समन्वित आतंकवाद रोधी अभियानों के कारण भी संख्या कम हुई है, जिसके कारण आतंकवादी घाटी में घुसपैठ करने से हिचकिचा रहे हैं.

 

अधिकारियों में से एक ने कहा, "यह आश्चर्यजनक है कि पीओके में चरमपंथियों की संख्या कम हो गई है, इस तथ्य के बावजूद कि मार्च जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए अनुकूल महीना है, क्योंकि सीमावर्ती इलाकों में बर्फ पिघलने लगती है. पिछले साल, हमारे पास इस बात के पुख्ता सबूत थे कि जम्मू-कश्मीर की सीमाओं के करीब पीओके में विभिन्न स्थानों पर 125 से अधिक आतंकवादी मौजूद थे."

 

उन्होंने कहा कि हालांकि पाकिस्तान ने पीओके में आतंकवादियों की संख्या कम कर दी है. सूत्र ने कहा, "हालांकि वह आतंकवादियों और जमीनी कार्यकर्ताओं को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रेरित करता रहेगा और यह घाटी में हाल ही में हुई हिंसा में देखा जा सकता है."

 

4 मार्च 2022 को एफएटीएफ के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा था कि उनका देश शेष कार्य योजनाओं को जल्द ही पूरा करेगा.

 

हालांकि, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां पुंछ में कृष्णा घाटी, राजोरी के नौशेरा में बिंबर गली, कठुआ के हीरानगर में सुंदरबनी, तंगधार के उरी में केरन के रास्ते घुसपैठ गलियारों पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं.

Pakistan pares down terrorist numbers in PoK to convince FATFनई दिल्ली, 19 मार्च (आईएएनएस)| फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के उद्देश्य से इस्लामाबाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों की संख्या को कम करने की योजना बना रहा है.

 

सूत्रों के मुताबिक, पिछले साल मार्च में 125 के मुकाबले इस समय पीओके में करीब 70 आतंकी मौजूद हैं.

 

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को इस तरह की पहल करने के लिए मजबूर होना पड़ा है, क्योंकि उसे एफएटीएफ लिस्टिंग के कारण अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से वित्तीय सहायता प्राप्त करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा था.

 

4 मार्च को आयोजित अपने अंतिम पूर्ण सत्र में, पेरिस स्थित वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण प्रहरी ने पाकिस्तान को चार और महीनों की विस्तारित अवधि के लिए अपनी ग्रे सूची में रखने का फैसला किया और इस्लामाबाद को दो संबंधित कार्य योजनाओं से शेष कमियों का पालन करने के लिए कहा.

 

एफएटीएफ के अनुसार, पाकिस्तान ने एक अभूतपूर्व समय सीमा के भीतर मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित सात 'एक्शन प्लान' मदों को संबोधित किया है और आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित 27 लक्ष्यों में से 26 को पूरा किया है.

 

देश अब अपनी दोनों एफएटीएफ कार्य योजनाओं को पूरा करने से केवल दो कदम दूर है.

 

पाकिस्तान जून 2018 से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग की जांच करने में असमर्थता के लिए ग्रे लिस्ट में है, लेकिन बाद के वर्षों में, वह एफएटीएफ द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा करने में विफल रहा.

 

पाकिस्तान की ताजा पहल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा ग्रिड में तैनात अधिकारियों ने कहा कि समन्वित आतंकवाद रोधी अभियानों के कारण भी संख्या कम हुई है, जिसके कारण आतंकवादी घाटी में घुसपैठ करने से हिचकिचा रहे हैं.

 

अधिकारियों में से एक ने कहा, "यह आश्चर्यजनक है कि पीओके में चरमपंथियों की संख्या कम हो गई है, इस तथ्य के बावजूद कि मार्च जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए अनुकूल महीना है, क्योंकि सीमावर्ती इलाकों में बर्फ पिघलने लगती है. पिछले साल, हमारे पास इस बात के पुख्ता सबूत थे कि जम्मू-कश्मीर की सीमाओं के करीब पीओके में विभिन्न स्थानों पर 125 से अधिक आतंकवादी मौजूद थे."

 

उन्होंने कहा कि हालांकि पाकिस्तान ने पीओके में आतंकवादियों की संख्या कम कर दी है. सूत्र ने कहा, "हालांकि वह आतंकवादियों और जमीनी कार्यकर्ताओं को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रेरित करता रहेगा और यह घाटी में हाल ही में हुई हिंसा में देखा जा सकता है."

 

4 मार्च 2022 को एफएटीएफ के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा था कि उनका देश शेष कार्य योजनाओं को जल्द ही पूरा करेगा.

 

हालांकि, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां पुंछ में कृष्णा घाटी, राजोरी के नौशेरा में बिंबर गली, कठुआ