कश्मीरियों को गुमराह कर रहा पाकिस्तानः आगा सैयद अब्बास रिजवी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
कश्मीरियों को गुमराह कर रहा पाकिस्तानः आगा सैयद अब्बास रिजवी
कश्मीरियों को गुमराह कर रहा पाकिस्तानः आगा सैयद अब्बास रिजवी

 

श्रीनगर. जम्मू और कश्मीर के पीपुल्स जस्टिस फ्रंट ने केंद्र शासित प्रदेश में शांति और एकता को बढ़ावा देने के लिए रविवार को जम्मू में एक संगोष्ठी का आयोजन किया.

विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि के वक्ताओं ने एकता, शांति और भाईचारे के बारे में अपने विचार रखे. वक्ताओं ने शिक्षा और सांस्कृतिक सामंजस्य की भूमिका पर जोर दिया. जनसभा को संबोधित करते हुए, जे-के पीपुल्स जस्टिस फ्रंट के अध्यक्ष आगा सैयद अब्बास रिजवी ने कहा कि हमें अपने युवाओं को सहिष्णुता और शांति के बारे में शिक्षित करना चाहिए.

वर्तमान सामाजिक परिदृश्य के बारे में बोलते हुए रिजवी ने कहा कि आज के युवाओं के लिए सबसे बड़ा खतरा नशा है.

उन्होंने कहा, ‘हम देखते हैं कि अफगानिस्तान में बच्चों को दशकों तक आधुनिक शिक्षा से दूर रखा गया और इसने चरमपंथी विचारधारा को जन्म दिया और तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों का उदय हुआ, यह सब पाकिस्तान के इशारे पर हुआ. शिक्षा की कमी ने वहां की पीढ़ियों को नष्ट कर दिया था.’

पाकिस्तान में मदरसों की संस्कृति ने आतंकवादियों के कारखानों को जन्म दिया है. इससे पूरे क्षेत्र की शांति और एकता प्रभावित हुई है.

आगा साहब ने यह भी बताया कि इसी तरह हमारे युवा हमारे पड़ोसी देश द्वारा की जा रही विध्वंसक गतिविधियों के कारण भटके हुए हैं. हमारे युवा शिक्षक, डॉक्टर, प्रशासक बनना चाहते हैं, लेकिन आतंकवाद और मादक पदार्थों की लत की ओर बह गए हैं.

आगा साहब ने कहा, ‘आप लोगों को आश्चर्य हो सकता है कि हमारा पड़ोसी देश कश्मीरियों के लिए एकजुटता दिवस मनाता है. यह किस तरह की एकजुटता है? हमारे युवाओं को गुमराह किया जाता है और आतंकवाद और नशीली दवाओं की लत के लिए मजबूर किया जाता है. हमें इस धोखे को कॉल करने और अपने युवाओं को अच्छा आधुनिक प्रदान करके बचाने की जरूरत है. शिक्षा ताकि वे अच्छे और जिम्मेदार नागरिक बन सकें.’

एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता और एक प्रमुख व्यक्ति अली मोहम्मद पारे ने कहा कि वर्तमान स्थिति में शिक्षकों और अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका है. आज की दुनिया तकनीक का युग है और बच्चों की सामाजिक बुराइयों तक भी आसान पहुंच है. उन्होंने कहा, ‘हमें अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए ताकि उन्हें उचित अच्छी शिक्षा दी जा सके और नैतिक-सामाजिक पहलुओं पर मार्गदर्शन किया जा सके.’

इस संगोष्ठी को एक सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद उमर ने भी संबोधित किया, जिन्होंने भाईचारे और शांति फैलाने में शिक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डाला.

मास्टर अब्दुल नहीम ने भी कार्यक्रम में बात की और कहा कि भाईचारा और सहिष्णुता प्रगति की कुंजी है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों को उनके हाथों में कलम दी जानी चाहिए, न कि बंदूक या ड्रग्स. उन्होंने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का उदाहरण दिया जहां लोग पोलियो टीकाकरण का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे बांझपन हो सकता है. वे उन लोगों पर हमला करते हैं, जो उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए छोटे बच्चों का टीकाकरण करने के लिए उनके घर जाते हैं. यह अज्ञानता उचित शिक्षा की कमी के कारण है.

एक राजनीतिक कार्यकर्ता आदिल हुसैन ने दहेज और नशीली दवाओं की लत जैसी सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए शिक्षित लोगों की भूमिका पर प्रकाश डाला.

आगा सैयद मुबाशीर काजमी समन्वयक जेकेपीजेएफ ने भी कार्यक्रम में बात की और कहा कि धार्मिक विद्वानों को औपचारिक और आधुनिक शिक्षा की भूमिका पर भी प्रकाश डालना चाहिए ताकि शांति, न्याय और एकता के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके.