बाहरी ताकतों को क्षेत्र का उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगाः वायुसेना प्रमुख

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 08-10-2021
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी

 

गाजियाबाद. 89वें भारतीय वायु सेना दिवस के अवसर पर, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि सुरक्षा परिदृश्य के संबंध में ये महत्वपूर्ण समय हैं और बाहरी ताकतों को हमारे क्षेत्र का उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगा.

वायु सेना प्रमुख ने कहा, “जब मैं आज जिस सुरक्षा परिदृश्य का सामना कर रहा हूं, उसे देखता हूं, तो मैं पूरी तरह से सचेत हूं कि मैंने एक महत्वपूर्ण समय पर कमान संभाली है. हमें राष्ट्र को दिखाना चाहिए कि बाहरी ताकतों को हमारे क्षेत्र का उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगा.”

हिंडन एयरबेस पर मार्शल चौधरी ने अपने क्षेत्र में एक जटिल सुरक्षा वातावरण के मुद्दे को संबोधित करते हुए कहा, “पूर्वी लद्दाख में घटनाक्रम के जवाब में त्वरित कार्रवाई भारतीय वायु सेना की युद्ध तत्परता का एक वसीयतनामा था.”

उन्होंने कहा, “इसके अलावा, भूमि, समुद्र और वायु के पारंपरिक डोमेन के ऊपर और ऊपर नए डोमेन के आगमन के परिणामस्वरूप सैन्य अभियानों के संचालन के तरीके में एक आदर्श बदलाव आया है.”

गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर आयोजित 89वें भारतीय वायु सेना दिवस समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे मौजूद थे.

चौधरी ने अधिकारियों को वायु सेना पदक-वीरता पदक प्रदान किए.

कार्यक्रम के दौरान हवाई प्रदर्शन की शुरुआत प्रसिद्ध आकाश गंगा टीम के ध्वजवाहक स्काईडाइवरों के साथ हुई, जिन्होंने एएन-32विमान को रंगीन छत्रों में गिरा दिया.

आईएएफ की स्थापना 8अक्टूबर, 1932को अविभाजित भारत में हुई थी, जो औपनिवेशिक शासन के अधीन था. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसके योगदान के लिए किंग जॉर्ज षष्ठ द्वारा इसे ‘रॉयल’ उपसर्ग दिया गया था.

उपसर्ग बाद में 1950 में हटा दिया गया था, जब भारत एक गणतंत्र बन गया था.