कोलकाता.
डायरिया से जुड़ी बीमारियों के इलाज और ओआरएस के विकास के लिए ओरल रिहाइड्रेशन थ्योरी के इस्तेमाल में अग्रणी भारतीय बाल रोग विशेषज्ञ दिलीप महलानाबिस का रविवार को कोलकाता के शहर के अस्पताल में निधन हो गया.
वह 88 वर्ष के थे। उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उन्हें कुछ हफ्ते पहले कोलकाता के एक निजी अस्पताल में फेफड़ों की समस्याओं सहित कई उम्र संबंधी बीमारियों के साथ भर्ती कराया गया था.
हालांकि, डॉक्टरों के उनके स्वास्थ्य की स्थिति को पुनर्जीवित करने के सभी प्रयास विफल रहे और आखिरकार, रविवार को उनका निधन हो गया. आपातकालीन स्थिति में दस्त से डिहाइड्रेशन की रोकथाम और उपचार के लिए रिडिहाइड्रेशन सिद्धांत का एक विकल्प है जब अंत:शिरा चिकित्सा उपलब्ध नहीं है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुमानों के अनुसार, मौखिक रिडिहाइड्रेशन सिद्धांत का अनुमान है कि इसने 6 करोड़ से अधिक लोगों की जान बचाई है.
उन्हें 2002 में पोलिन पुरस्कार और 2006 में प्रिंस महिदोल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्हें 1994 में रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के एक विदेशी सदस्य के रूप में चुना गया था.
हालांकि, एक क्षेत्र में उनके योगदान के लिए केंद्र सरकार से शायद ही कोई मान्यता मिली हो. दवा जिसने लाखों लोगों की जान बचाई.