तालिबान की तुलना आरएसएस, वीएचपी से करने पर जावेद अख्तर को नोटिस

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 28-09-2021
 जावेद अख्तर को नोटिस
जावेद अख्तर को नोटिस

 

आवाज द वाॅयस /ठाणे
 
महाराष्ट्र के ठाणे की एक अदालत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना तालिबान (तालिबान) से करने के आरोप में चर्चित गीतकार जावेद अख्तर के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया है.

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और संयुक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में आरएसएस कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने केस दर्ज कर जावेद अख्तर से मुआवजे के तौर पर एक रुपये की मांग की है.12 नवंबर तक जवाब मांगा गया है.

इससे पहले मुंबई के एक वकील ने बुधवार को उन्हें कानूनी नोटिस भेजकर माफी मांगने को कहा था. जावेद अख्तर ने कथित तौर पर एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में यह टिप्पणी की थी. वकील संतोष दुबे ने यह भी कहा कि अगर गीतकार अख्तर ने बिना शर्त माफी नहीं मांगी और नोटिस मिलने के सात दिनों के भीतर अपने सभी बयान वापस नहीं लिए, तो वे जावेद अख्तर से 100 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग करेंगे. एक आपराधिक मामला भी दर्ज करेंगे.

76 वर्षीय जावेद अख्तर ने एक साक्षात्कार में कहा कि तालिबान और हिंदू आतंकवादी एक ही जैसे हैं. वकील ने नोटिस में दावा किया कि जावेद अख्तर ने ऐसा बयान देकर भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत अपराध किया है.


जावेद अख्तर ने किया इंटरव्यू का बचाव

हालांकि जावेद अख्तर ने अपने इंटरव्यू का बचाव किया. है. उन्होंने कहा, ‘‘हिंदू दुनिया में सबसे विनम्र और सहिष्णु लोग हैं, लेकिन जहां तालिबान को अफगानिस्तान में खुली रियायत मिली हैं, वहां भारत में धर्मनिरपेक्षता को उसके संविधान और अदालतों द्वारा संरक्षित किया जाता है.‘‘

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘भारत कभी भी अफगानिस्तान जैसा नहीं हो सकता, क्योंकि भारतीय स्वभाव से चरमपंथी नहीं हैं. करुणा उनके डीएनए में है.‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘हां, इस साक्षात्कार में मैंने आरएसएस से जुड़े संगठनों के खिलाफ आपत्ति जताई थी.‘‘

मैं हर उस विचारधारा का विरोध करता हूं, जो लोगों को धर्म, जाति और पंथ के आधार पर बांटती है. मैं उन सभी लोगों के साथ खड़ा हूं जो इस तरह के किसी भी भेदभाव का विरोध करते हैं.

जावेद अख्तर ने कही थी ये बात

जावेद अख्तर ने कहा था, ‘‘जिस तरह तालिबान इस्लामिक स्टेट चाहता है, उसी तरह कुछ लोग ऐसे भी हैं जो हिंदू राष्ट्र चाहते हैं.‘‘ इन लोगों की मानसिकता एक जैसी होती है. चाहे मुसलमान हो, ईसाई हो, यहूदी हों या हिंदू.

उन्होंने कहा, ‘‘बेशक, तालिबान उत्पीड़क हैं. उनकी हरकतें निंदनीय हैं, लेकिन जो आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) और बजरंग दल का समर्थन करते हैं, वे एक ही हैं.‘‘ जावेद अख्तर ने यह भी कहा था कि उन्हें ‘‘औसत भारतीय की बुनियादी संवेदनशीलता पर पूरा भरोसा है.‘इस देश में अधिकांश लोग बहुत विनम्र और सहिष्णु हैं.‘‘ इसका सम्मान किया जाना चाहिए. भारत कभी तालिबान का देश नहीं बनेगा.