देश में अल्पसंख्यक ही नहीं बल्कि संविधान और लोकतंत्र खतरे में : मौलाना अरशद मदनी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 17-04-2022
मौलाना अरशद मदनी
मौलाना अरशद मदनी

 

नई दिल्ली. देश के विभिन्न हिस्सों से हिंसा को लेकर आ रहीं खबरों पर जमीयत उलमा-ए-हिंद ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी है. जमीयत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि आज अल्पसंख्यक ही नहीं बल्कि देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में आ गया है. 

दरअसल पिछले कुछ दिनों में देश के अलग अलग हिस्सों से हिन्दू मुस्लिम समाज के बीच बवाल होता नजर आ रहा है. हाल ही में दिल्ली जहांगीरपुरी में शोभा यात्रा के दौरान दंगा हुआ जिसमें 9 पुलिसकर्मी घायल और एक नागरिक घायल है. 

हालंकि पुलिस ने इस मामले में अब तक 20 लोगों की गिरफ्तारी कर ली है और लगातार दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है.

मध्य प्रदेश के खरगौन में राम नवमी पर हिंसा हुई. 

कर्नाटक के हुबली में भी हिंसा हुई है और कई आमजन और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने 40 लोगों को गिरफ्तार किया है.

इन सभी घटनाओं पर मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, धार्मिक उग्रवाद और नफरत की एक काली आंधी पूरे देश में चलाई जा रही है, अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों को भयभीत करने की जगह-जगह साजिशें हो रही हैं.