लोकप्रिय हो रही केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा विजयन के नए कैबिनेट से बाहर

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 18-05-2021
पी विजयन ने अपनी कैबिनेट में यस सर कल्चर को बढ़ावा दिया है
पी विजयन ने अपनी कैबिनेट में यस सर कल्चर को बढ़ावा दिया है

 

आवाज- द वॉयस/ तिरुवनंतपुरम

लगता है केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन अति आत्मविश्वास के शिकार हो गए हैं. और जिस  कांग्रेसी वंशवाद की आलोचना वामदल किया करते थे, उसने भी केरल के नए कैबिनेट में अपनी जड़े जमा ली है.

केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने माकपा और सरकार में 'अंतिम शब्द' होने की अपनी शैली के अनुरूप, मंगलवार को अपने फैसले से सबको चौंका दिया. उन्होंने तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही और कुशल स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा को अपने नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी, जबकि अपने दामाद पी.ए. मोहम्मद रियाज को मंत्री पद दिया.

विजयन के 21 सदस्यीय कैबिनेट में माकपा के 12, भाकपा के चार, केरल कांग्रेस (एम), राकांपा और जनता दल (एस) के एक-एक और दो अन्य सहयोगी दलों में से एक-एक शामिल हैं. इनमें से प्रत्येक के पास एक विधायक है.

लोकतांत्रिक जनता दल, एकमात्र सहयोगी दल है, जिसे कैबिनेट का पद नहीं मिला.

मंत्रिमंडल की घोषणा पार्टी में और इसके बाहर कई लोगों के लिए एक झटके के रूप में आई है. मंत्री पद न मिलने पर शैलजा ने कहा कि वह एक अनुशासित पार्टी कार्यकर्ता हैं और पार्टी के फैसले का पालन करेंगी.

अन्य सभी नाम अपेक्षा के अनुरूप ही हैं लेकिन जानकार बताते है कि मंत्रिमंडल की कुरसी का केवल एक ही मानदंड था और वह था विजयन के प्रति अडिग निष्ठा. नए मंत्रिमंडल में शामिल हैं पूर्व राज्यसभा सदस्य पी. राजीव और के.एन. बालगोपाल, महिलाओं में प्रोफेसर आर. बिंदु जो माकपा सचिव ए. विजयराघवन की पत्नी हैं. इनके अलावा पत्रकार व दूसरी बार विधायक बनीं वीना जॉर्ज शामिल हैं.

अन्य मंत्रियों में शामिल हैं विजयन के सबसे करीबी सहयोगी एम. गोविंदन जो कन्नूर से हैं. इसके अलावा, पूर्व राज्यमंत्री साजी चेरियन और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के. राधाकृष्णन भी मंत्री बनाए गए हैं जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए हैं.

वी. शिवनकुट्टी को भी मंत्री पद दिया जाना तय था, क्योंकि उन्होंने राज्य की राजधानी की नेमोम सीट पर भाजपा के मजबूत उम्मीदवार कुम्मनम राजशेखरन को हराया है.

मंत्रिमंडल में वी. अब्दुर्रहमान को भी शामिल किया गया है जो मुस्लिमबहुल मलप्पुरम जिले से हैं, हालांकि उनकी पार्टी नेशनल सेक्युलर कांफ्रेंस गठबंधन में शामिल नहीं है, बल्कि उसे माकपा का समर्थन प्राप्त है.

वी.एन. वसावन माकपा के एक अन्य नेता हैं, जो विजयन के वफादार माने जाते हैं, उन्हें भी मंत्री पद दिया गया है. दो बार के लोकसभा सदस्य एम.बी. राजेश जो पलक्कड़ से 2019 का चुनाव हार गए थे, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव जीते हैं, उन्हें सदन के अध्यक्ष पद के लिए चुना गया है.

इस बीच खबरें सामने आई हैं कि माकपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने शैलजा को नए मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने पर नाराजगी जताई है.