सीएए और एनआरसी से मुसलमानों को कोई नुकसान नहींः भागवत

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
मोहन भागवत
मोहन भागवत

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-गुवाहाटी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने कहा है कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी से किसी मुसलमान को कोई नुकसान नहीं होगा. हम आज तक अल्पसंख्यकों के ख्याल रखने का वायदा निभा रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया है.

एएनआई के की एक रिपोर्ट के अनुसार मोहन भागवत ने कहा, “सीएए और एनआरसी भारत के किसी भी नागरिक के खिलाफ नहीं बने हैं. सीएए से भारतीय मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं होगा. विभाजन के बाद आश्वासन दिया गया था कि हम अपने देश के अल्पसंख्यकों का ख्याल रखेंगे. हम आज तक उसका पालन कर रहे हैं, पाकिस्तान ने नहीं किया.”

आरएसएस प्रमुख ने कहा, “राजनीतिक स्थिति को देखते हुए इसे राजनीतिक लाभ के हिसाब से ही सोचा जाता है. कुछ लोग कथानक को सांप्रदायिक आधार पर लाते हैं. इस तरह की बातचीत राजनीतिक फायदे के लिए होती है, ये चले, लेकिन हमें सावधान रहना होगा, क्योंकि नागरिक देखते हैं कि राजनीति ठीक से हो.”

बुधवार को ईद के दिन गुवाहाटी में भागवत ने एक बार फिर अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान देश के मुसलमानों को आश्वस्त करने का प्रयास किया है, जिन्हें कुछ समूहों और शक्तियों द्वारा मिथ्या प्रचार द्वारा भ्रमित किया जा रहा है.

भागवत यहां मंगलवार को पहुंचे और असम में उन्होंने असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और त्रिपुरा जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ चर्चा की है. अधिकारियों से कोरोना की स्थिति पर विशेष चर्चा हुई.

उन्होंने कहा, "महाभारत काल के बाद से, असम में प्रवास का इतिहास रहा है, लेकिन अवैध घुसपैठ से इतना डर कभी नहीं रहा. सभी समुदायों को आत्मसात करना चाहिए, लेकिन अन्य समुदायों में कोई डर नहीं होना चाहिए."
 
'अखंड भारत' (अविभाजित भारत) की आवश्यकता की वकालत करते हुए, आरएसएस प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान जैसे देश जो भारत से अलग हो गए थे, अब संकट में हैं.
 
"अखंड भारत ब्रह्मांड के कल्याण के लिए आवश्यक है. भारत में कई चुनौतियों को दूर करने की क्षमता है और दुनिया उन चुनौतियों और कठिनाइयों को दूर करने की ओर देखती है. 'वसुधैव कुटुम्बकम' (दुनिया एक परिवार है) विश्वास के साथ, भारत फिर से रख सकता है दुनिया में सुख और शांति को आगे बढ़ाएं."
 
भागवत ने कहा, "जब हम 'अखंड भारत' के बारे में बात करते हैं, तो हमारा उद्देश्य इसे शक्ति के साथ प्राप्त करना नहीं है, बल्कि 'धर्म' (नीति) के माध्यम से एकजुट होना है, जो कि 'सनातन' (शाश्वत) है, यही मानवता है और इसे हिंदू धर्म कहा जाता है." 
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के 2021 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटने के बाद भागवत का असम का यह पहला दौरा है.