नीतीश का ढलने लगा उरूज, अपने ही बयानों से घिरने लगे

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 16-10-2022
नीतीश का ढलने लगा उरूज, अपने ही बयानों से घिरने लगे
नीतीश का ढलने लगा उरूज, अपने ही बयानों से घिरने लगे

 

पटना. नीतीश कुमार की छवि साफ सुथरे नेता की रही है. उनकी गणना ऐसे नेताओं में होती रही है जो अपने विचार स्पष्टता से रखते हों, लेकिन हाल के दिनों में वे अपने ही 'खास' तरह के बयानों को लेकर चर्चा में है. नीतीश आम तौर पर अब खुद को श्रेष्ठ साबित करने तथा अनुभवी नेता की छवि प्रस्तुत करने के अपने ही बयानों से घिरने लगे हैं.

बिहार में एनडीए से बाहर निकलकर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद भाजपा के नेता लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेर रहे हैं. भाजपा के नेता नीतीश को जंगलराज का मुद्दा हो या समाजवादी नेता जेपी का मामला हो, तुष्टिकरण की बात हो या शराबबंदी की चर्चा हो, किसी भी मुद्दे पर घेरने से बाज नहीं आ रहे है. भाजपा सोशल मीडिया के द्वारा भी नीतीश कुमार को घेरने में कोर कसर नहीं छोड़ रही है.
 
इधर, भाजपा जहां लगातार नीतीश पर ताबड़तोड़ सियासी हमले बोल रही है, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी भी मामले पर सीधा जवाब देने से बचते दिख रहे हैं. पिछले दिनों जब जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उनके गांव सिताबदियारा आए थे, उस विषय में जब मुख्यमंत्री से पूछा गया तब उन्होंने उम्र का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 20 साल पहले राजनीति शुरू की, उनके बयानों का उनके लिए कोई महत्व नहीं है. वैसे, यह कोई पहली बार नहीं है कि मुख्यमंत्री ने खुद को वरिष्ठ बताकर किसी को कमतर आंकने की कोशिश की है.
 
इससे पहले उन्होंने विधानसभा में पूर्व मंत्री नितीन नवीन को भी बच्चा कहकर बैठाने की कोशिश की थी. विधानसभा में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी मामले पर बोल रहे थे तभी चार बार के भाजपा विधायक रहे नितिन नवीन ने टोकने की कोशिश की तो नीतीश कुमार ने सदन में बैठने के लिए कहा था. मुख्यमंत्री ने कहा था कि तुम अभी बच्चे हो. तुम्हारे पिता (नबीन किशोर सिन्हा) मेरे साथ हुआ करते थे.
 
इसके बाद पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि मुख्यमंत्री को याद रखना चाहिए कि विधानसभा में सभी विधायक समान हैं. मैं विधानसभा के बाहर उनके भतीजे का किरदार निभा सकता हूं. उन्हें किसी दिन उनकी वरिष्ठता पर करारा जवाब मिलेगा.
 
पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी को भी बच्चा बताने की कोशिश की थी. हालांकि चौधरी ने बाद में पलटवार करते हुए कहा था कि लगता है कि नीतीश कुमार अब अपनी राजनीति खो चुके हैं. मैं पांच बार से विधायक हूं. जिस तरह नीतीश कुमार एमएलसी हैं मैं भी एमएलसी हूं. उन्हें हमारे साथ कंटेंट पर चर्चा करनी चाहिए न कि वरिष्ठ बनने की चर्चा करनी चाहिए.
 
इससे पहले मुख्यमंत्री ने कभी अपने सहयोगी रहे प्रशांत किशोर के भी ज्ञान को लेकर भी प्रश्न उठाए थे. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर पत्रकारों द्वारा जब मुख्यमंत्री से सवाल किया गया था तब मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें एबीसी की भी जानकारी है. वह बकवास करता रहता है.
 
इधर, भाजपा के प्रवक्ता मनोज शर्मा कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उम्र ढल गई है. जो उनके पुत्र के समान हैं, वे उनके 'सुपर बॉस' बन गए हैं. स्थिति यह है कि बतौर मुख्यमंत्री भी उन्हें किसी प्रकार के निर्णय के लिए राजद के पास जाना पड़ रहा है, ऐसे बयानों से वे अपनी खिज उतारते हैं और राजद के सामने वरिष्ठता साबित करने का प्रयास करते हैं.
 
भाजपा नेता ने हालांकि यह भी कहा कि लोकतंत्र में उम्र और वरिष्ठता नहीं जनता का विश्वास मायने रखता है। मुख्यमंत्री को सीधा जवाअ देना चाहिए. राजद के नेता भी मुख्यमंत्री के ऐसे बयानों से इत्तेफाक नहीं रखता है। राजद के एक नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री को ऐसे बयानों से बचना चाहिए.