नवाब रामपुर की 30 हजार करोड़ की संपत्ति का बंटवारा होगा आपसी सुलह से

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 23-02-2021
नवाब परिवार की संपत्ति
नवाब परिवार की संपत्ति

 

तहसीन मोहम्मद फैयाज खान / रामपुर

पुरानी कहावत है कि फैसले भले ही अदालतों में होते हों, लेकिन मुकदमों और विवादों के निपटारे आपसी समझौते से ही होते हैं. रामपुर में ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है, जहां नवाब परिवार की 30,000 करोड़ की संपत्ति के बंटवारे के मुकदमे पिछले 50-55 साल से चल रहे थे. मुकदमे का फैसला भले ही सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया हो, लेकिन निपटारे के लिए अब जिला जज रामपुर ने सभी पक्षकारों को आपसी समझौते से इसे निपटाने की सलाह देते हुए 8 मार्च तक का समय दिया है.

रामपुर में इस वक्त नवाब परिवार की संपत्ति के बंटवारे का विवाद कोर्ट में विचाराधीन है, जिसकी लड़ाई पिछले 50 से 55 सालों से नवाब परिवार के वारिस लड़ रहे हैं.इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से रामपुर जिला जज के पाले में गेंद डाल दी है और कोर्ट ने ये आदेश दिया है कि शरीयत के हिसाब से इस संपत्ति का बंटवारा किया जाए.

ये हैं संपत्तियां

यह संपत्ति लाखों-करोड़ों में नहीं है, बल्कि यह मामला 30,000 करोड़ की संपत्ति का बंटवारा है. नवाब रजा अली खान की रामपुर में पांच अचल संपत्तियां है कोठी खास बाग, शाहबाद किला, बेनजीर बाग, एक कुंडा और नवाब रेलवे स्टेशन की लगभग 1100 एकड़ जगह है. इसका डिवाइडेशन होना है. पांचों अचल सम्पत्तियों की कीमत 30,000 करोड़ की आंकी गई है.  

शरीयत के अनुसार होगा डिवीजन

नवाब खानदान के वकील संदीप कुमार सक्सेना ने बताया कि सन 1972 से एक केस चल रहा है. जब मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, तब रामपुर स्टेट के आखिरी नवाब रजा अली खान थे. इनकी पांच अचल संपत्तियों का विभाजन होना है.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि रामपुर जिला जज की अदालत में इसका डिवाइडेशन का प्रोसीजर और मीडिएशन द्वारा इसका आपस में विभाजन किया जाए. मुस्लिम शरीयत के अनुसार सभी के शेयर का डिवीजन किया जाएगा.

चूंकि प्रॉपर्टी सारी रामपुर में थी. इसलिए उस प्रॉपर्टी के डिवाइडेशन का पूरा प्रोसीजर जिला जज के अंडर में होना था. फाइल यहां आती है. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया कि 31 दिसंबर 2020 तक यह कार्रवाई पूरी करके सुप्रीम कोर्ट को इसकी इत्तला दी जाए.

जिला जज ने मांगी बंटवारे की रूपरेखा

इसी बीच कोरोना काल आ गया. इसलिए यह मामला लंबित हो गया. इसी प्रोसेस के तहत कुछ दिनों से जिला जज ने पार्टियों को एक सजेशन दिया था कि सब लोग व्यक्तिगत रूप से अदालत में आएं और वे उनसे बातचीत करने के बाद सुलह समझौते के जरिए इस मामले को निपटाना चाहते हैं.

उसके तहत 16 पार्टियों में से 14 पार्टियां जिला न्यायालय में उपस्थित हुईं. जो दो अन्य पार्टियां हैं, वे विदेश में रहती है, उन्होंने अपने प्रतिनिधि भेजे थे.उन सब लोगों ने यह कहा कि हम लोग मिलकर आपस में बैठकर बातचीत कर लेंगे, उसके लिए हमें 2 महीने का समय दिया जाए. तब जिला जज ने कहा कि 8 मार्च तक हम आपको समय दे रहे हैं.

यह मामला आप लोगों को कैसे निपटाना है. इसकी रूपरेखा तैयार करके हमें दे दीजिए.