जुबैर की पोस्ट पर राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने जताई नाराजगी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 1 Years ago
जुबैर की पोस्ट पर राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने जताई नाराजगी
जुबैर की पोस्ट पर राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने जताई नाराजगी

 

नई दिल्ली. बाल अधिकार निकाय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) का कहना है कि मई में पुलिस द्वारा दी गई स्थिति रिपोर्ट से मिली जानकारी से साफ पता चलता है कि याचिकाकर्ता जुबैर जांच से बचने की कोशिश कर रहा है और पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रहा है.

एनसीपीसीआर ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस का रुख अधिकारियों के लापरवाह रवैये को दर्शाता है और उच्च न्यायालय से पुलिस को मामले की गहन जांच करने और प्राथमिकता के आधार पर इसे पूरा करने का निर्देश देने का आग्रह किया. इस मामले की अगली सुनवाई अब 7 दिसंबर 2022 को होगी.

9 अगस्त 2020 को, दिल्ली पुलिस ने एनसीपीसीआर से प्राप्त एक शिकायत के बाद, ट्विटर पर एक लड़की को कथित रूप से धमकाने और परेशान करने के लिए जुबैर के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की. एनसीपीसीआर की शिकायत में लड़की और उसके पिता की एक तस्वीर का जिक्र है, जिसे जुबैर ने नाबालिग के पिता के साथ ऑनलाइन विवाद के दौरान ट्विटर पर साझा किया था.

बाल अधिकार संगठन ने कहा कि मई में पुलिस द्वारा दी गई स्थिति रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी से स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता जुबैर जांच से बचने की कोशिश कर रहा है और पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रहा है. उन्होंने एक हलफनामे में कहा है कि याचिकाकर्ता की तथ्यों को दबाने की गलत मंशा स्पष्ट है, जिससे मामले की जांच में गंभीर देरी हो रही है. एनसीपीसीआर की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद जुबैर ने अपने खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. जुबैर ने एफआईआर को बेबुनियाद बताया था.