मुंबई. मुंबई के वकील और पहली बार विधायक बने 45 वर्षीय राहुल नार्वेकर रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष चुने गए हैं. वह इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद को संभालने वाले भारत के सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए हैं. कोलाबा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक नार्वेकर एक विशेष विधानसभा सत्र में उच्च पद के लिए चुने गए. उन्होंने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) समर्थित शिवसेना के उम्मीदवार राजन साल्वी को पछाड़ दिया.
दिलचस्प बात यह है कि नार्वेकर विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रांकापा के वरिष्ठ नेता रामराजे निंबालकर के दामाद हैं. इसको लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सुखद पारिवारिक संयोग की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब 'उच्च सदन' और 'निचले सदन' के बीच संबंध ससुर और दामाद के समान हैं.
हालांकि, नार्वेकर ने 2019 में विधायक बनने से पहले 2016 से राज्यपाल मनोनीत एमएलसी (उच्च सदन) के रूप में कार्य किया था.
नार्वेकर ने अपना राजनीति करियर शिवसेना के साथ शुरू किया था. वह 15 साल तक शिवसेना में रह चुके हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर उन्होंने शिवसेना से इस्तीफा दे दिया और शरद पवार की पार्टी राकांपा में शामिल हो गए. उनके ससुर इस पार्टी के वरिष्ठ नेता थे.
2014 लोकसभा चुनाव के दौरान नार्वेकर को राकांपा ने मावल सीट से मैदान में उतारा था, लेकिन वह हार गए.
2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले, वह राकांपा से भाजपा में शामिल हो गए. पार्टी ने उन्हें दक्षिण मुंबई के कोलाबा से मैदान में उतारा. इस चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की.
नार्वेकर के पिता सुरेश नार्वेकर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) में पार्षद थे. उनके भाई मकरंद बीएमसी के दूसरी बार पार्षद बने हैं. उनकी भाभी हर्षता भी बीएमसी से पार्षद हैं.