नई दिल्ली, (आईएएनएस). केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने बुधवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सैनिकों द्वारा किए गए अतिक्रमण पर उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया.
सिंह के एलएसी पर अतिक्रमण करने संबंधी भारतीय सेना के बयान के बाद दोनों देशों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. चीन ने सीमा पर सैन्य तनाव के लिए भारत पर आरोप लगाया है.
मंत्री ने उनके खिलाफ एक निरंतर अभियान चलाने के लिए एक समाचार पत्र पर भी निशाना साधा.
उन्होंने कहा, “लगभग एक दशक तक, जब से मैं सीओएएस था, इस (समाचार पत्र) ने मेरे खिलाफ एक निरंतर अभियान चलाया है. इनमें से एक अब कुख्यात बन चुकी तख्तापलट की कहानी है, जो बार-बार सुर्खियों में आ जाती है.”
सिंह ने ट्वीट किया, “इस विकृति से सच्चाई को नहीं बदला जा सकता है. मैंने बस स्थापित तथ्य को बताया था कि एलएसी के साथ वाली सीमाओं का जब तक सीमांकन नहीं किया जाता तब तक हमेशा अलग-अलग धारणाएं आती रहेंगी.”
मंत्री ने यह भी कहा कि तथ्य यह है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ने सीमा समस्या को निपटाने से इनकार कर दिया है, क्योंकि उन्होंने परेशान करने की रणनीति अपनाई हुई है.
उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष इन रणनीति के बारे में जानता है और किसी भी आक्रामकता का बराबर या बड़े स्तर पर जवाब दिया जाएगा, जैसा कि गलवान में दिया गया था.
सिंह ने कहा कि सनसनीखेज सुर्खियां बनाने की दौड़ में अखबार के संपादकों को यह सत्यापित करना चाहिए कि क्या कहा गया था और क्या बताया गया है.
उन्होंने कहा, “मेरे बयान/जवाब को अनावश्यक रूप से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया, जिससे चीन को खुद के आक्रामक कार्रवाई को कवर करने और भारत को दोष देने का मौका मिल गया.”
7 फरवरी को तमिलनाडु के मदुरै में, सिंह ने सर्किट हाउस में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि एलएसी की अपनी धारणा के साथ चीन ने वर्षों में कई बार भारत में अतिक्रमण किया है.