कानपुर की मुस्लिम महिला ने उर्दू में लिखी रामायण

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 26-04-2021
डॉ. माही तलत सिद्दीकी स्व लिखित उर्दू रामायण पढ़ती हुई
डॉ. माही तलत सिद्दीकी स्व लिखित उर्दू रामायण पढ़ती हुई

 

कानपुर, उत्तर प्रदेश. “हे राम, तेरे नाम को हर नाम पुकारे, बंदा तेरा पल-पल तेरी राह निहारे” ये पंक्तियाँ किसी पवित्र ग्रंथ से नहीं ली गई हैं, बल्कि एक गजल की पंक्तियां हैं. डॉ. माही तलत सिद्दीकी उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के निवासी हैं और उन्होंने मुस्लिम होने के बाद भी उर्दू में रामायण लिखकर सामाजिक सद्भाव का उदाहरण प्रस्तुत किया है.

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उर्दू रामायण 


प्रभु श्री राम भारतीय उप महाद्वीप के नायक रहे हैं. वे यहां के अतिरिक्त अफ्रीका और सुदूर इंडोनेशिया में भी पूज्यनीय हैं. इंडोनेशिया के मुस्लिम तो श्री राम सहित भगवान विष्णु के सभी अवतारों और शिव परिवार को अपना पुरखा बताते हैं. उसी तरह भारतीय मुस्लिम श्री राम के प्रति जब-तब श्रद्धा प्रकट होती रहती है.

कुछ साल पहले कानपुर शहर के एक अन्य निवासी बद्री नारायण तिवारी ने माही को रामायण की एक प्रति दी. इसे पढ़ने के बाद माही सिद्दीकी ने उर्दू में पवित्र पाठ लिखने का फैसला किया. अवध क्षेत्र की गंगा-जमुनी तहजीब की दिल खोल देने वाली याद दिलाते हुए, सिद्दीकी ने अपने प्रयासों के माध्यम से धर्मों के बीच समानता को उजागर करना चाहा, जो मानवता को बांधता है और भगवान राम की शिक्षाओं का प्रचार करता है.

माही सिद्दीकी ने रामायण का अनुवाद अपनी पुस्तक “राम कथा और मुस्लिम साहित्यकार समग्र” में किया है. ताकि दोनों समुदायों के लोगों को एक दूसरे की संस्कृति के बारे में बेहतर जानकारी मिल सके.

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उर्दू रामायण 


सिद्दीकी हिंदी साहित्य में पीएचडी हैं और कानपुर के हलीम मुस्लिम डिग्री कॉलेज में पढ़ाती हैं.