हिजाब विवाद पर मुस्लिम छात्रों का एएमयू में प्रदर्शन, हिंदू महासभा ने पीएम को लिखी चिट्ठी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-02-2022
एएमयू में छात्रो का प्रदर्शन
एएमयू में छात्रो का प्रदर्शन

 

आवाज- द वॉयस/ नई दिल्ली

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रों ने शुक्रवार को कर्नाटक सरकार के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन किया. हिजाब पहने छात्राओं ने नारेबाजी की और अपनी इच्छानुसार पहनने की स्वतंत्रता की मांग की.

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एएमयू प्रवेश द्वार के बाहर पुलिस तैनात थी.

मार्च पास्ट करते हुए छात्रों ने 'नारा-ए तकबीर अल्लाहु अकबर' और 'ला इलाहा इलल्लाह' के नारे लगाए. उनमें से कुछ के पास तख्तियां भी थीं, जिन पर लिखा था, 'कर्नाटक के छात्रों के साथ एकजुटता', 'इस्लामोफोबिया बंद करो' और 'महिला जिंदाबाद प्रेरित करती है'.

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में प्रदर्शनकारी छात्रों के हवाले से कहा गया है, “हम सरकार से हमारे हिजाब पर प्रतिबंध नहीं लगाने का अनुरोध करना चाहते हैं. हमें सुनें. हम अपना हिजाब नहीं उतारेंगे, हम इसे सालों से पहनते आ रहे हैं."

“यह हमारा संवैधानिक अधिकार है. लोग इसे हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम सीधे तौर पर यह चुनना चाहते हैं कि क्या पहनना है.”

तब से, कर्नाटक भर में कई घटनाएं हुई हैं, जिसमें मुस्लिम लड़कियों ने स्कूल में हिजाब पहन रखा है और हिंदू छात्रों ने विरोध के रूप में भगवा गमछा पहनना शुरू कर दिया है.

उधर, कर्नाटक हिजाब मामले में अब हिंदू महासभा में कूद पड़ी है. हिंदू महासभा ने आज प्रधानमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन अलीगढ़ के जिलाधिकारी को सौंपा जिसमें उन्होंने मांग की कि किसी भी संस्थान को मजहबी पहनावे से दूर रखा जाए. हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डॉ पूजा शकुन पांडे उर्फ अन्नपूर्णा भारती के नेतृत्व में आज हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपा.

हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडे ने कहा कि जिस तरीके से हिजाब का मुद्दा कुछ राजनीतिक दलों द्वारा करवाया जा रहा है यह हम लोग अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझते हुए समान नागरिक संहिता की बात करे. क्योंकि समान नागरिक संहिता ही एकमात्र उपचार है इस देश में इस तरीके की रूढ़िवादिता को खत्म करने के लिए.

उन्होंने कहा कि जब तक यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू नहीं होगा तब तक इसको लोकतांत्रिक कहना सही नहीं होगा. हमें ऐसे लोगो  से बचना है. यह बच्चों को गुमराह करके इस तरीके के इसयू क्रिएट करा रहे हैं.