मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी पर मुस्लिम संगठन और सियासदां नाराज

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 23-09-2021
मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी पर  नाराज
मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी पर नाराज

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
 
उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण के आरोप में प्रमुख मौलवी कलीम सिद्दीकी को मेरठ से गिरफ्तार किया है. यह बात यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कही. एडीजी के मुताबिक, मुजफ्फरनगर के फिल्ट गांव के रहने वाले मौलाना कलीम सिद्दीकी के कथित तौर पर उमर गौतम से संबंध थे.
 
फिल्ट के प्रसिद्ध मदरसे के प्रशासक प्रमुख इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी बीती रात एक निजी कार्यक्रम के लिए मेरठ आए थे. तभी गिरफ्तार कर लिया गया. अब इस मुद्दे पर मुस्लिम संगठनों और राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
 
समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुल रहमान बर्क ने मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी की निंदा की है. मौलाना की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यूपी में योगी सरकार मुसलमानों को परेशान करने का काम कर रही है.
 
इस बीच, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने धर्म परिवर्तन के आरोप में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी का बचाव किया.राशीद अल्वी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस को ईमानदारी से काम नहीं करने दिया जा रहा है.
 
उल्लेखनीय है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद मौलाना महमूद मदनी ग्रुप धर्म परिवर्तन के आरोप में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी का केस लडने का ऐलान किया है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद की महाराष्ट्र शाखा ने फैसला लिया है. जमीयत की ओर से एडवोकेट अबू बकर मौलाना कलीम सिद्दीकी का अनुसरण करेंगे.
 
इस बीच, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी को राजनीतिक चाल बताया है. उन्होंने कहा, ‘‘देश के संविधान के अनुसार, सभी लोगों को अपने धर्म का पालन करने और इसकी शिक्षाओं को फैलाने का अधिकार है,‘‘ . जफर-उल-इस्लाम ने कहा कि मौलाना पर धर्म परिवर्तन के आरोप पूरी तरह झूठे हैं.
 
छात्र इस्लामिक संगठन के अध्यक्ष मोहम्मद सलमान ने इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया है.मोहम्मद सलमान अहमद ने कहा है कि प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी यूपी चुनाव से पहले सांप्रदायिक नफरत को रोकने और भड़काने का एक और प्रयास है.
 
मौलाना कलीम सिद्दीकी को विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा मैत्रीपूर्ण अंतर्धार्मिक संवाद के माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया जाता है. उन्होंने विभिन्न राष्ट्रों के बीच अविश्वास के माहौल को दूर करने और एक दूसरे को बेहतर ढंग से समझने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है.
 
इस आरोप में कोई सच्चाई नहीं है कि उन्होंने जबरन या किसी खास मकसद से लोगों का धर्म परिवर्तन कराया. यूपीएटीएस की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी पूरी तरह फर्जी और फर्जी है.हमारा मानना ​​है कि मौलाना सिद्दीकी को चुनावी फायदे के लिए यूपी सरकार ने बलि का बकरा बनाया है.
 
हम ऐसी गिरफ्तारियों की कड़ी निंदा करते हैं . उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हैं. निर्दोष मुसलमानों का लगातार उत्पीड़न निंदनीय है. इसे तुरंत रोका जाना चाहिए. इस तरह की हरकतें केवल अशांति का माहौल पैदा करेंगी और देश के सामाजिक ताने-बाने के लिए हानिकारक होंगी.
 
अपने पसंद के किसी भी धर्म को मानने या प्रचार करने का अधिकार हमारे संविधान में निहित है. यूपी का धर्म विरोधी कानून इन स्वतंत्रताओं का उल्लंघन करता है और आम आदमी के उत्पीड़न का एक साधन बन गया है. हम आशा करते हैं कि माननीय न्यायालय संवैधानिक मूल्यों का पालन करेंगे और ऐसे कानूनों पर रोक लगाएंगे.
 
गौरतलब है कि मेरठ के जाने-माने इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी को उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशासन प्रशांत कुमार ने बुधवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि पुलिस ने हाल ही में विदेशी फंडिंग के तहत देश में धर्मांतरण करने वाले एक कथित समूह का पर्दाफाश किया था और इस सिलसिले में 20 जून को दस लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इस सिलसिले में मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया है.
 
उन्होंने दावा किया कि जांच में यह तथ्य सामने आया है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी कथित रूप से धर्मांतरण के काम में शामिल थे. विभिन्न शैक्षणिक और सामाजिक संस्थानों की आड़ में राष्ट्रीय स्तर पर धर्मांतरण का काम किया जा रहा था.
 
इसके लिए विदेशों से फंडिंग की जा रही है. इस काम में देश के कई जाने-माने लोग और संस्थान शामिल हैं. जांच में यह भी सामने आया कि मौलाना भारत का सबसे बड़ा धर्मांतरण धर्म सिंडिकेट चलाता है और गैर-मुसलमानों को गुमराह करके और डराकर उनका धर्म परिवर्तन करता है.