लखनऊ. आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज की उत्तर प्रदेश इकाई ने प्रस्ताव पारित कर अपनी आबादी के अनुरूप दलित संगठनों के अलावा मुस्लिम संगठनों में हिस्सेदारी मांगी है. साथ ही सरकार से कुरान शरीफ की 26 आयतों को आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला बताकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले सैयद वसीम रिजवी के खिलाफ कार्रवाई का भी मुद्दा उठाया है.
उन्होंने मुस्लिम संस्थाओं में पिछड़े मुसलमानों की हिस्सेदारी की मांग को लेकर यहां प्रेस क्लब में एक आयोजित किया. इस दौरान नौ प्रस्ताव पारित किए गए. आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के पहले प्रस्ताव में सैयद वसीम रिजवी के खिलाफ कार्रवाई का मुद्दा उठाया गया. महाज के मुताबिक, रिजवी की हरकतों से मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. यह दंगा भड़काने की साजिश है. इसके लिए उनके विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाए.
महाज ने अपने एक अन्य प्रस्ताव में केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि अनुच्छेद 341 ( पर 10 अगस्त 1950 के प्रेसीडेंशियल आर्डर द्वारा) लगे धार्मिक प्रतिबंध हटा ले. संगठन का माना है कि जब तक केंद्र सरकार अनुच्छे 341 पर लगी रोक समाप्त नहीं करेगी, पसमांदा समाज की वह जातियां जो अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है
पिछड़ा वर्ग में शामिल नहीं किया जाए. महाज ने अपने एक अन्य प्रस्ताव में केंद्र व प्रदेश सरकारों से सरकारों द्वारा गठित संचालित तमाम अल्पसंख्यक व पिछड़े बोर्ड आयोगों, संस्थाओं (वक्फ बोर्ड, विश्वविद्यालयों, अल्पसंख्यक,पिछड़ा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति आयोगों आदि) में पसमांदा को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने की मांग की है.
महाज ने राजनीतिक दलों से भी आबादी के अनुपात में संगठन में प्रतिनिधित्व व चुनावों में टिकट देने की मांग की है. प्रस्ताव में राजनीतिक दलों से अपने पिछड़े प्रकोष्ठ में पसमांदा (पिछड़े) मुसलमानों को भी शामिल करने का आग्रह किया गया है.
बैठक में प्रस्ताव पास कर महाज ने तमाम मुस्लिम संगठनों, संस्थाओं,मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा हिंद, अमारते शरिया, में आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने का सवाल उठाया है. यहां तक कि महाज बरेलवी, देवबंदी सहित ऐसे तमाम संस्थाओं से उनके ओलमाओं अहमद रजा खां, अशरफ अली थानवी, सर सैयद आदि द्वारा अपनी पुस्तकों, फतवों में इस्तेमाल कथित अमर्यादित शब्दों को हटाने की मांग के साथ इसके विरूद्ध आंदोलन की चेतावनी दी है.
बैठक में समहाज के अध्यक्ष मुख्तार अंसारी मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे. उनके अलावा शरिक अदीब अंसारी, परवेज हनीफ, वकार अहमद हावारी, नूरूल एन मोमिन, वसीम राएनी, कहकशां, साजिद कुरैशी, मारूफ अंसारी, मुहम्मद युनूस , इंतेखाब आलम सहित 25 जिलों के पदाधिकारियों ने भी शिरकत की.