उज्जैन. एक हिंदू धर्मगुरु ने घोषणा की है कि “लव जिहाद” के प्रयासों को विफल करने के लिए उनके संगठन के कार्यकर्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि आगामी नवरात्रि उत्सव के दौरान मध्य प्रदेश में गरबा नृत्य कार्यक्रमों में कोई गैर-हिंदू प्रवेश न करे. देवी दुर्गा के नौ दिवसीय उत्सव के दौरान पारंपरिक गरबा नृत्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो 26 सितंबर से शुरू होगा.
आवाहन अखाड़ा महामंडलेश्वर अतुलशानंद सरस्वती ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी अखंड हिंदू सेना (एएचएस) की महिलाओं सहित दस कार्यकर्ता ‘लव जिहाद’ के प्रयासों को रोकने के लिए राज्य भर में हर गरबा स्थल की रक्षा करने जा रहे हैं.’’ तीन दिन पहले मप्र की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा था कि लव जिहाद को रोकने के लिए पहचान पत्रों की जांच के बाद ही नवरात्रि उत्सव के दौरान राज्य में गरबा नृत्य स्थलों में प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए.
शिवसेना के अध्यक्ष सरस्वती ने कहा, “एएचएस कार्यकर्ता गरबा स्थलों पर पुरुषों के पहचान पत्रों की जांच करेंगे और उनके प्रवेश पर उनके माथे पर तिलक लगाएंगे. कार्यकर्ता गैर-हिंदुओं के प्रवेश को प्रतिबंधित करेंगे.” इसके अलावा, वे यह सुनिश्चित करने के लिए गरबा पर भी नजर रखेंगे कि नृत्य प्रतिभागी अश्लीलता में लिप्त न हों.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई हमारी हिंदू बहन को छेड़ता हुआ या बिना वैध पहचान पत्र के गरबा में प्रवेश करता पाया जाता है तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा और फिर उसे पुलिस को सौंप दिया जाएगा.’’ सेना के देश भर में 2.5 लाख कार्यकर्ता हैं. उनमें से 8,500 अकेले उज्जैन में हैं और उनमें से 1,500 महिलाएं हैं. उन्होंने कहा कि उन सभी को हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. हिंदू नेताओं ने अतीत में दावा किया है कि देश में ‘लव जिहाद’ की साजिश चल रही है, जिसमें हिंदू लड़कियों को अल्पसंख्यक समुदाय के पुरुषों द्वारा लालच दिया गया और शादी के लिए मजबूर किया गया.