मोहम्मद नकीः 67 साल की उम्र में इंटर पास कर सबको चौंकाया

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 24-06-2022
मोहम्मद नकीः 67 साल की उम्र में इंटर पास कर सबको चौंकाया
मोहम्मद नकीः 67 साल की उम्र में इंटर पास कर सबको चौंकाया

 

बिजनौर. सपनों को साकार करने की धुन में दुनिया के दस्तूर को न मानने वाले एक बुजुर्ग ने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है, वह भी 72 प्रतिषत अंकों के साथ. इस बार उसकी पोतियों को परीक्षाओं में इतने अंक नहीं मिले. 67 वर्षीय की सफलता से उनकी 100 वर्षीय मां सबसे ज्यादा खुश हैं.

बिजनौर के मुहम्मद नकी की कहानी पूरी तरह फिल्मी है. पचास साल पहले, मुहम्मद नकी ने 1972 में कला के क्षेत्र में प्रवेश किया. पारिवारिक तंगी के कारण वह आगे की शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके और छोटे-मोटे काम करने लगे.

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं छोटा था, तो मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. इंटर में आर्ट्स पास करने के बाद मैंने उर्दू की परीक्षा पास की, जो ग्रेजुएशन के समकक्ष मानी जाती थी. उसके बाद मैंने अपने गांव बस्ता के एक इंटर कॉलेज में क्लर्क के रूप में काम करना शुरू किया.

मुहम्मद नकी ने वहां 10 साल तक काम किया, लेकिन उनका वेतन इतना कम था कि उनके लिए जीवित रहना असंभव हो गया. इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया और नौ बीघा जमीन खरीद ली और उस पर फूलों की खेती शुरू कर दी. उन्होंने फूलों की व्यवस्था पर भी काम करना शुरू कर दिया. कुछ समय बाद उन्होंने आयुर्वेदिक उपचार शुरू किया.

वे कहते हैं, ‘‘आयुर्वेद में मेरी रुचि बढ़ी और मैंने व्याकरण का अभ्यास करना शुरू कर दिया. मेरा बेटा यहां बिजली के उपकरण सप्लाई करता था. लेकिन एक दिन स्वास्थ्य विभाग ने गली में मेरी दुकान पर छापा मारा.’’

अधिकारियों ने कहा कि मैं डिग्री के बिना अभ्यास नहीं कर सकता. नकी कहते हैं, ‘‘मैं अपने गाँव वापस आ गया.यहां मेरी मुलाकात एक निजी स्कूल की शिक्षिका नेहा खान से हुई. उन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया.’’

उन्होंने मुझे वैद्य बनने से पहले नेचुरोपैथी में डिग्री लेने की सलाह दी. यह सुनकर मैं बांदा गया और वहां से प्राकृतिक योग विज्ञान में चार वर्षीय डिप्लोमा प्राप्त किया.

जब नकी अपना डिप्लोमा लाए, तो उन्होंने आगे की पढ़ाई करने और फार्मासिस्ट बनने के बारे में सोचा. जब वे अमरोहा के एक फार्मेसी कॉलेज में दाखिला लेने गए, तो उन्हें पता चला कि उन्हें विज्ञान में प्रथम श्रेणी पास करनी होगी. इसके बाद उन्होंने फिर से इंटर की पढ़ाई करने का फैसला किया.

नकी इस साल पढ़ाई के बाद जब बिजनौर के केलनपुर इंटर कॉलेज में परीक्षा देने गए, तो लोगों ने उसका मजाक उड़ाया. नकी खुद कहते हैं, ‘‘छात्र मुझ पर हंसने लगे और पूछने लगे कि मेरे जैसा बूढ़ा आदमी परीक्षा क्यों दे रहा है.’’

कुछ पुलिसकर्मियों ने मेरे साथ फोटो खिंचवाई और कहा कि वे अपने बच्चों को दिखाएंगे, ताकि उन पर भी अच्छा असर पड़े.

नकी की 100 साल की मां उनकी सबसे बड़ी ताकत है. उनकी 100 साल की मां अनीसा नकी अपने बेटे की सफलता से बेहद खुश हैं. नकी ने अपनी माँ के बारे में कहा, ‘‘मेरी माँ मेरी सबसे बड़ी ताकत है. पहले जब मैं परीक्षा देने जाता था तो वह मुझे जेब से पैसे देती थीं.’’

उन्होंने इस अनुष्ठान को आज भी बनाए रखा और इस बार कई इबादत कीं. भविष्य की रणनीति के बारे में नकी कहते हैं, ‘‘अब मैं फार्मेसी की पढ़ाई कर अपना सपना पूरा करूंगा. मुझे खुशी है कि मैंने उमर को रास्ते में नहीं आने दिया. दरअसल, उम्र के साथ मेरी समझ बढ़ी है.’’