राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय कैबिनेट में सात या आठ जुलाई को फेरबदल और विस्तार कर सकते हैं. नए मंत्रियों की संख्या 15-20 हो सकती है.
सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार के वर्तमान मंत्रिमंडल को गठित हुए दो वर्ष हो चुके हैं. इसलिए इसमें विस्तार की गुंजाइश देखी जा रही है.
इसके अलावा छह राज्यों में चुनाव आसन्न हैं. इसके मद्देनजर भी विस्तार महसूस किया जा रहा है.
अभी कैबिनेट में लगभग दो दर्जन मंत्रिपद रिक्त हैं. एक दर्जन मंत्री कई-कई महत्वपूर्ण विभाग संभाल रहे हैं.
देर-सबेर आठ राज्यों में राज्यपालों की भी नियुक्ति होनी है. इन राज्यों में राज्यपाल के पद खाली हैं. इन पदों पर भी कुछ नेताओं को आसीन किए जाने की संभावना हैं.
बड़े राज्य उप्र से 80 प्रतिनिधि लोकसभा पहुंचते हैं और वहां आठ माह बाद विधानसभा चुनाव है. यहां के प्रतिनिधित्व पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है.
मंत्रिमंडल विस्तार में राजग के गठबंधन दलों जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के पारस गुट को समायोजित किया जा सकता है.
सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के लिए गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मंत्रणा कर चुके हैं. मोदी छह जुलाई को भी अन्य वरिष्ठ मंत्रियों से इस विषय में चर्चा कर सकते हैं.
मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं, तो पुराने चेहरों के कार्य का आंकलन कर उन्हें दायित्व मुक्त किया जा सकता है.
तो कुछ मंत्रियों के विभागों में परिवर्तन किया जा सकता है. पुराने मंत्रियों के विभाग नए मंत्रियों को सौंपे जा सकते हैं.
इन्हें मिल सकता है चांस
कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया
असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी
अपना दल की अनुप्रिया पटेल
लोजपा के पशुपति पारस
वरुण गांधी
रीता बहुगुणा जोशी
संजीव बालियान
प्रवीण निषाद
राजीव रंजन सिंह
संतोष कुशवाहा
नारायण राणे
मीनाक्षी लेखी
भूपेंद्र यादव
दिलीप घोष
विजयंत पांडा
रामशंकर कठेरिया
जफर इस्लाम
लॉकेट चटर्जी
जमयांग नामग्याल
अनिल बलूनी
बाबुल सुप्रियो
राकेश सिंह
हिना गावित
रणजीत नाइक निम्बलकर
शान्तनु ठाकुर
निशीथ प्रामाणिक