मथुरा शाही ईदगाह: मथुराकोर्ट से कमिश्नर नियुक्त करने का अनुरोध

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 10-05-2022
मथुरा शाही ईदगाह:
मथुरा शाही ईदगाह:

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली

कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के पास शाही ईदगाह मस्जिद को स्थानांतरित करने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही एक अदालत ने सोमवार को आयुक्त को निर्देश दिया कि वह मंदिर के चिह्नों को सत्यापित करने के लिए मस्जिद का सर्वेक्षण करें.
 
याचिकाकर्ता महेंद्र प्रताप सिंह भी एक वकील हैं.उन्होंने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ज्योति सिंह से मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए एक आयुक्त नियुक्त करने का अनुरोध किया. यह दावा करते हुए कि मस्जिद में मंदिर के कई उल्लेखित संकेत हैं, जैसे ओम, स्वस्तिक और कमल के निशान हो सकते हैं.
 
 मस्जिद के अंदर, इसकी विशिष्ट हिंदू वास्तुकला के निशान भी पाए जा सकते हैं.वाराणसी में श्रृंगार गोरी मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के कोर्ट के आदेश पर रोक के बीच एडवोकेट सिंह ने कोर्ट का रुख किया.
 
सिंह ने मथुरा अदालत से वाराणसी अदालत के आदेश की एक प्रति मांगी और ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए एक आयुक्त की नियुक्ति के वाराणसी अदालत के आदेश की एक प्रति उन्हें सौंपी.
 
सिंह ने इससे पहले भगवान कृष्ण की ओर से मथुरा की अदालत में अपने अगले दोस्त के रूप में मस्जिद के हस्तांतरण के लिए याचिका दायर की थी.जिला शासकीय अधिवक्ता (नागरिक) संजय गौड़ ने कहा कि उन्होंने मुकदमा दर्ज कर यह भी दावा किया है कि वह बुर्जुआ भगवान कृष्ण के पुत्र हैं. उन्होंने कहा कि देवता विराजमान ठाकुर केशु देवजी महाराज कटरा केशु देव समेत चार अन्य याचिकाकर्ता हैं.
 
डीजीसी ने आगे कहा कि अन्य तीन याचिकाकर्ताओं में जगन्नाथ पुरी, मथुरा के एडवोकेट राजेंद्र माहेश्वरी, दिल्ली निवासी यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के संस्थापक जे भगवान गोयल और वर्नादुन के धर्म रक्षा सिंह के अध्यक्ष सोरभ गौड़ा हैं.
 
सिंह ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि उनकी याचिका की एक प्रति शाही मस्जिद ईदगाह के वकील नीरज शर्मा और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील जीपी निगम को भी दी गई है. दिसंबर 2020 में सिंह और अन्य द्वारा दायर मामले में शाही मस्जिद ईदगाह की इंतिफादा समिति के सचिव और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष को प्रतिवादी के रूप में दर्ज किया गया है.