विहिप के आहवान पर आज रात आठ बजे दिल्ली के मंदिरों में सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 14-06-2022
विहिप के आहवान पर आज रात आठ बजे दिल्ली के मंदिरों में सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ
विहिप के आहवान पर आज रात आठ बजे दिल्ली के मंदिरों में सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
 
विहिप की दिल्ली इकाई ने सोमवार को शहर के लोगों से मंदिरों में इकट्ठा होने और देश के कुछ हिस्सों में 10 जून की हिंसा के खिलाफ विरोध दर्ज करने के लिए 14 जून को हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ में भाग लेने का आह्वान किया है.

विश्व हिंदू परिषद ने एक बयान में आरोप लगाया कि 10 जून को भारत को बदनाम करने की एक सुनियोजित साजिश के तहत 10 जून को मस्जिदों में नमाज के बाद हिंसक प्रदर्शन किए गए और मंदिरों और घरों पर पथराव किया गया.
 
अब बर्खास्त बीजेपी पदाधिकारियों नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के खिलाफ 10 जून को दिल्ली की जामा मस्जिद के बाहर सहित देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.
 
झारखंड में, प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने की कोशिश में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि जम्मू में अधिकारियों ने कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया. उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद उन्हें लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
 
दिल्ली विहिप प्रमुख कपिल खन्ना ने एक बयान में कहा, नूपुर शर्मा की हत्या के लिए अवैध फतवा जारी किया गया है. हिंदू समाज इस तरह के अवैध प्रदर्शनों के कारण हिंदू समाज पर बने दबाव को खारिज करता है और इसकी कड़ी निंदा करता है.
 
उन्होंने कहा, इसका विरोध करने के लिए, मैं दिल्ली के हिंदू समाज से शहर के छोटे और बड़े मंदिरों में इकट्ठा होने और 14 जून रात 8 बजे हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ में भाग लेने का आह्वान करता हूं.
 
खन्ना ने मंदिरों के प्रबंधकों और पुजारियों से भी आग्रह किया कि वे भक्तों को हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ के बारे में सूचित करने के लिए नोटिस दें.उन्होंने कहा, इस तरह से अपनी ताकत का प्रदर्शन करना और हिंदू समाज पर बनाए जा रहे अनैतिक दबाव का संवैधानिक रूप से जवाब देना नितांत आवश्यक है.
 
उन्होंने कहा,इस तरह के जिहाद से छुटकारा पाने के लिए, हमें सप्ताह में कम से कम एक बार अपने मंदिरों में इकट्ठा होना चाहिए.