आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
मणिपुर में शनिवार को जिस तरह से आतंकी हमले को अंजाम दिया गया उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस आतंकी हमले को मणिपुर के इतिहास का सबसे खतरनाक आतंकी हमला बताया जा रहा है. हमले में एक कर्नल और चार जवान शहीद हो गए. कर्नल की पत्नी और बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई.
मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट (एमएनपीएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है.गौरतलब है कि आतंकी हमले को देखते हुए सुरक्षाकर्मियों को अपने परिवार के साथ ऐसे इलाकों में न जाने की सलाह देते हुए एक नोट जारी किया गया है. जिस तरह से आतंकवादी हमला किया गया, उससे पता चलता है कि यह जानबूझकर किया गया हमला था. इसका उद्देश्य केवल भारी क्षति पहुंचाना था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकी हमला चरचंदपुर जिले के संघत में हुआ, जिसकी सीमा म्यांमार से लगती है. उग्रवादियों ने इलाके में असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर हमला किया, क्योंकि 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर फॉरवर्ड कैंप से बटालियन मुख्यालय लौट रहे थे.
जब आतंकियों ने आईईडी में विस्फोट किया तो कर्नल त्रिपाठी की पत्नी और बेटा भी काफिले के साथ थे. पता चला है कि आतंकवादियों ने पहले एक आईईडी विस्फोट किया और फिर काफिले पर गोलियां चला दीं.
सूत्रों के मुताबिक जवाबी फायरिंग में हमलावर आतंकी भी घायल हो गए. हमले में असम राइफल्स के चार जवान भी घायल हो गए और उनका एक अस्पताल में इलाज चल रहा है.
गौरतलब है कि असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर और उनके परिवार पर कल मणिपुर में चरमपंथियों ने हमला किया था. हमलावर शनिवार सुबह 10 बजे के कुछ देर बाद शेखान-बेहांग थाना क्षेत्र में लगा. खबरों के मुताबिक, 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर अपने परिवार और क्यूआरटी के साथ जा रहे थे, तभी आतंकियों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया.
सूत्रों के मुताबिक, क्यूआरटी में तैनात एक कमांडिंग ऑफिसर की पत्नी और एक बच्चे और 7 जवानों के भी मारे जाने की खबर है.