नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता ममता बनर्जी ने हुगली में चुनाव प्रचार के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से अपने वोट को न बंटने देने की अपील की थी. अब चुनाव आयोग ने सांप्रदायिक आधार पर प्रचार करने के लिए नोटिस जारी किया है और आयोग ने ममता से नोटिस का 48 घंटों के भीतर जवाब मांगा है.
ममता बनर्जी के खिलाफ केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधि मंडल ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी, जिसमें ममता पर सांप्रदायिक आधार पर प्रचार करने का आरोप लगाया गया है. भाजपा ने कहा कि ममता ने हुगली में सांप्रदायिक आधार पर मुस्लिम मतदाताओं से चुनावी अपील की थी.
ममता बनर्जी ने 3 अप्रैल को हुगली में ताराकेश्वर की चुनाव रैली के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से अपील करते हुए कहा था कि वह विभिन्न पार्टियों में अपने वोट को न बंटने दें.
भाजपा की शिकायत पर चुनाव आयोग ने यह नोटिस जारी किया है. नोटिस के अनुसार चुनाव आयोग का मानना है कि ममता बनर्जी ने आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन किया है.
नोटिस के मुताबिक चुनाव आयोग ने पाया है कि उनका भाषण जन प्रतिनिधित्व कानून और आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करता है.
पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव जारी हैं. तीन चरणों का मतदान हो चुका है और पांच चरणों की वोटिंग अभी भी जारी है. ऐसे में राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू है. भाजपा और टीएमसी लगातार एक दूसरे के नेताओं को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत कर रहे हैं. वहीं चुनाव आयोग भी लगातार कदम उठा रहा है.
इसी कड़ी में चुनाव आयोग ने दक्षिण दिनाजपुर, पूर्व बर्धमान और पश्चिम बर्धमान के डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर के ट्रांसफर किए हैं.