चीन को गहरा आघात, मालदीव ने क्वॉड का किया समर्थन

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 2 Years ago
भारत के विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद
भारत के विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली

मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने क्वॉड का समर्थन किया है. यह चीन के लिए गहरा आघात माना जाएगा. उन्होंने स्थिर हिंद महासागर और प्रशांत क्षेत्र का भी समर्थन किया है.

मालदीव के विदेश मंत्री इस समय भारत के दौरे पर हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए भारत से वैक्सीन, भारत-चीन संबंध, संयुक्तराष्ट्र से सहयोग, भारतीय नेतृत्व के साथ वार्ता आदि विषयों पर अपने विचार रखे.

क्वॉड पर अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि क्वॉड के बीच संवाद देखना अच्छा है,  क्योंकि यह हिंद महासागर और प्रशांत क्षेत्र को स्थिरता प्रदान करता है.

उन्होंने कहा कि मालदीव यह भी कहता है कि भारत एक पहला उत्तरदायी है, जो हमेशा सबसे अच्छा दोस्त रहा है.

वैक्सीन पर हम भारत के आभारी हैं

एएनआई के ट्वीट के अनुसार, अब्दुल्ला ने कहा कि जब भारत ने वैक्सीन योजना लागू की, तो भारत ने अनुकरणीय, उत्कृष्ट, उदारता रखी है. 48 घंटे के भीतर एक पहल ने मालदीव को 200 हजार टीके दिए और न केवल मालदीव को भारतीय अनुदान प्राप्त हुआ, भारत की उदारता की पहुंच दुनिया के बाकी हिस्सों में भी हुई. कई बार भारत ने भारतीय लोगों और सरकार की मानवता को परिभाषित किया है और हम बहुत आभारी हैं.

हिंद महासागर पर और क्षेत्र में भारत और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा के बारे में उन्होेंने कहा कि हमारा मानना है कि हिंद महासागर शांति और सुरक्षा का क्षेत्र है, जिसका स्थिर रहना और मालदीव की समृद्धि के लिए आवश्यक है और हम अपने सभी दोस्तों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

आप भारत और चीन के साथ अपने संबंधों की तुलना कैसे करते हैं. इस पर अब्दुल्ला ने कहा कि अंतरंग संबंधों में मालदीव जैसे देशों के लिए कोई तुलना नहीं है, हमारे केवल दोस्त हैं, हम दोस्तों की तुलना नहीं करते हैं, लेकिन भारत हमेशा पहले उत्तरदाता और हमारा सबसे अच्छा दोस्त रहा है.

भारत के साथ सुरक्षा संधि पर मालदीव के विपक्ष की आलोचना पर उन्होंने कहा कि वैसे यह केवल वर्तमान सरकार ही नहीं है, अतीत की सभी सरकारें, कई दशकों तक भारत के साथ बेहतरीन रिश्ते रहे हैं, जो हिंद महासागर की सुरक्षा और मालदीव की सुरक्षा को देखते हैं.

आप भारत और चीन के बीच टकराव को कैसे देखते हैं. इस पर उन्होंने कहा, वैसे मैं इस बात से बहुत प्रसन्न हूं कि भारत-चीन संबंध में अधिक संवाद हुआ है, मुझे विश्वास है कि भारत और चीन दोनों विश्व की आर्थिक शक्ति हैं और अब किसी भी टकराव से बच सकेंगे, मुझे दोनों देशों के नेतृत्व पर सही बात करने के लिए भरोसा है.

(एजेंसी एवं अन्य इनपुट सहित)