भारत के खिलाफ हिजाब मसले पर मलाला यूसुफजई की दोमुंही नीति

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-05-2022
मलाला यूसुफजई
मलाला यूसुफजई

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
 

भारत के विरुद्ध किस तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साजिश रची जाती है और किस तरह भारत विरोधी कथानक बनाए जाते हैं. इस पर हाल में पाकिस्तानी एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई के हिजाब मुद्दे पर दो अलग-अलग बयानों से स्पष्ट हो जाता है.

भारत में हिजाब विवाद को लेकर काफी बवाल हुआ है. मामला न्यायालय में विचाराधीन है और उसका निर्णय सभी पक्षों को मान्य होगा. किंतु भारत के इस आंतरिक मामले को अपने-अपने हिसाब से धार देने के लिए कई बाहरी लोगों ने अनाधिकृत हस्तक्षेप का प्रयास किया. इनमें आतंकी संगठन अलकायदा प्रमुख अल जवाहिरी और मलाला भी शामिल रहीं.

मलाला ने भारत के हिजाब विवाद के संदर्भ में भारतीय महिलाओं को हिजाब पहनने का समर्थन किया, लेकिन जब अफगानिस्तान का संदर्भ आया, तो वे हिजाब के विरोध में उतर आईं.
हिजाब के लिए कर्नाटक की आंदोलनरत छात्राओं के समर्थन में मलाला ने ट्वीट किया था, ‘‘हिजाब पहनने वाली लड़कियों को स्कूल में प्रवेश नहीं देना भयंकर है. कपड़े पहनने को लेकर लड़कियों को महज एक वस्तु मान लिया गया है. भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोकना चाहिए.’’

अब जब तालिबान ने अफगानिस्तान की महिलाओं के लिए सिर से पैर तक ढंकने वाले ‘चदोरी’ बुर्का को अनिवार्य कर दिया और इसकी उल्लंघना पर औरत और उसके मर्द को सजा का प्रावधान किया है. इस पर मलाला कहती हैं, ‘‘तालिबान सार्वजनिक जीवन से लड़कियों और महिलाओं को मिटा देना चाहता है. तालिबान ने लड़कियों को स्कूल से और महिलाओं को काम से बाहर कर दिया है. बिना महरम यात्रा करने पर बैन लगा दिया और अब अपने शरीर को पूरी तरह ढककर चलने के लिए मजबूर कर देने वाला फरमान. अफगानिस्तान की लाखों लड़कियों और महिलाओं के मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए तालिबान को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.’’

नोबल पुरस्कर विजेता मलाला चूंकि पाकिस्तानी कार्यकर्ता है. इसलिए वे पाकिस्तान के नैरेटिव के हिसाब से ही चलती हैं, जो प्रायः भारत विरोधी होता है. मलाला न केवल हिजाब मसले पर, बल्कि इससे पहले भी एक्सपोज हो चुकी हैं.

निकाह की मुखालिफत करते हुए मलाला ने सोशल मीडिया पर कहा था, ‘‘मुझे अभी भी समझ में नहीं आता कि लोग शादी क्यों करते है. अगर आप अपने जीवन में एक व्यक्ति रखना चाहते हैं, तो आपको क्यों शादी के कागजों पर दस्तखत करते हैं, यह सिर्फ एक साझेदारी क्यों नहीं हो सकती?.’’

पहले निकाह का विरोध किया और उसके कुछ ही दिनों ने बाद मलाला ने अपनी शादी भी रचाई और निकाहनामे पर दस्तखत भी किए.