आवाज द वाॅयस / गाजियाबाद
उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ मारपीट करने के मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही शिकायतकर्ता के खिलाफ भी कार्रवाई करने की बात कही गई है. पुलिस का कहना है कि शिकायतकर्ता ने तथ्यों को गलत ढंग से पेश किया.
गाजियाबाद (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक (एसपी) इराज राजा के अनुसार, जांच में लोनी की घटना में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं पाया गया. इस घटना में बुजुर्ग व्यक्ति की पिटाई की गई थी और उसकी दाढ़ी काट दी गई थी. पुलिस का कहना है कि इस मामले में कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस का कहना है कि शुरू में शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसका आरोपी से कोई पुराना संपर्क नहीं है. लेकिन कॉल रिकॉर्ड की जांच में कई तथ्य सामने आए हैं. इसलिए शिकायतकर्ता के खिलाफ भी गलत तथ्य देने के को लेकर कार्रवाई की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद पुलिस ने मंगलवार को लोनी की घटना में ट्विटर इंडिया सहित नौ संस्थाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. प्राथमिकी में, पुलिस ने कहा है, ‘‘लोनी में हुई घटना का कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है, जहां एक व्यक्ति की पिटाई की गई और उसकी दाढ़ी काट दी गई.
निम्नलिखित संस्थाएं - द वायर, राणा अय्यूब, मोहम्मद जुबैर, डॉ शमा मोहम्मद, सबा नकवी, मश्कूर उस्मानी, सलमान निजामी ने बिना तथ्यों की जांच किए, ट्विटर पर घटना को सांप्रदायिक रंग देना शुरू किया. इससे शांति भंग हो सकती थी और धार्मिक समुदायों के बीच मतभेद पैदा हो सकते थे.‘
पुलिस का कहना है कि पीड़ित अब्दुल समद सूफी और आरोपी एक-दूसरे को लंबे समय से जानते हैं. पीड़ित ने मुख्य आरोपी को इस वादे के साथ एक ताबीज बेची थी कि यह समृद्धि लाएगी, लेकिन उसने शिकायत की कि ऐसा नहीं हुआ. जब तबीज ने काम नहीं किया, तो आरोपी नाराज हो गया और पीड़ित को पीटा.
उल्लेखनीय है कि हाल में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें छह लोगों को एक बुजुर्ग को पीटते दिखाया गया था. हमलावरों ने पीड़ित की दाढ़ी भी काट दी और यह बताया गया कि पीड़िता को ‘‘जय श्री राम‘‘ और ‘‘वंदे मातरम‘‘ जैसे नारे लगाने के लिए कहा गया.