यास से ओडिशा के साढ़े दस हजार गांवों में अब तक पटरी पर नहीं लौटी है जिंदगी, तबाही का आंकलन जारी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 09-06-2021
यास से ओडिशा के साढ़े दस हजार गांवों में अब तक पटरी पर नहीं लौटी है जिंदगी, तबाही का आंकलन जारी
यास से ओडिशा के साढ़े दस हजार गांवों में अब तक पटरी पर नहीं लौटी है जिंदगी, तबाही का आंकलन जारी

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली / भुवनेश्वर (ओडिशा)

चक्रवाती तूफान यास ने ओडिशा में भारी तबाही मचाई थी, जिसके निशान अभी भी इस कदर गहरे हैं कि मिटाए नहीं मिट रहे. एक आंकड़े के अनुसार यास ने ओडिशा के 11 जिलों के 10,644 गांवों में उत्पात मचाया, जिसकी वजह से 75 लाख से अधिक लोग और 12.77 लाख पशुधन की जिंदगी अभी तक पटरी पर नहीं लौटी है. तूफान ने 6348.4 हेक्टेयर में खड़ी फसलों को भी क्षति पहुंचाई है.
 
ओडिशा के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार,  चक्रवात ‘यास‘ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए ओडिशा आई केंद्र की टीम ने आकलन का काम पूरा करने के बाद मंगलवार देर शाम इस मुददे पर मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र समेत राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की.
 
ओडिशा सरकार के अनुसार, नुकसान के बारे में टीम को अवगत करा दिया गया है. विकास आयुक्त और विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) प्रदीप के जेना ने कहा, “प्रारंभिक आकलन के अनुसार, ओडिशा के 11 जिलों में 2,138 ग्राम पंचायतों के 10,644 गांवों को भारी तबाही झेलनी पड़ी है. चक्रवाती तूफान यास से 30 शहरी क्षेत्रों के 425 वार्डों में तबाही दर्ज की गई.‘
 
उन्हांेने बताया, ‘‘चक्रवात के कारण 75 लाख से अधिक लोग प्रभावित, 26,781 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 12.77 लाख पशुधन को भी आफत झेलनी पड़ी है.तटीय गांवों और संवेदनशील क्षेत्रों के लगभग 7.10 लाख लोगों को सुरक्षित आश्रयों में पहुंचाया गया. इसके अलावा, लगभग 6348.4 हेक्टेयर में खड़ी फसलों को चक्रवात ने नुकसान पहुंचाया है. 
 
मुख्य सचिव महापात्र ने कहा कि चक्रवात के बाद पुनर्वास और बहाली कार्य का खर्च राज्य आपदा प्रबंधन कोष से राज्य सरकार वहन करेगी.उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन चूंकि ओडिशा बाढ़ और चक्रवात की आशंका वाला राज्य है, इसलिए इसे एक स्थायी और आपदा-रोधी बुनियादी ढांचे की जरूरत है.‘‘
 
बैठक में महापात्र ने आपदा रोधी बिजली आपूर्ति व्यवस्था  पर जोर देते हुए कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में विस्तृत परियोजना योजना तैयार कर रही है, जिसे जल्द ही केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा.केंद्रीय टीम का नेतृत्व कर रहे गृह विभाग के संयुक्त सचिव सुनील कुमार बरनोवाल ने कहा कि ओडिशा के तटीय जिलों को आपदा-रोधी सड़कों, बिजली और बुनियादी ढांचे की सख्त जरूरत है.
 
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य की आपदा प्रबंधन प्रणाली के कारण, निजी संपत्ति का नुकसान और लोगों की दुर्दशा कम हुई है. हालांकि, सार्वजनिक संपत्ति अभी भी मुख्य रूप से क्षतिग्रस्त है.
 
बता दें कि तबाही के आंकलन के लिए  केंद्रीय गृह, कृषि, वित्त, सड़क और परिवहन, ग्रामीण विकास, ऊर्जा और मत्स्य पालन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की सात सदस्यीय टीम ओडिशा पहुंची और भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर सहित चक्रवात प्रभावित जिलों का दौरा किया. चक्रवात यास ने 26 मई को ओडिशा में दस्तक दी थी.