आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने रविवार को कहा कि पुस्तकालय आज के डिजिटल युग में ज्ञान के केंद्र के रूप में कार्य करते हैं जो लोगों को प्रामाणिक जानकारी प्राप्त करने और गलत सूचनाओं का सामना करने में सक्षम बनाते हैं।
राधाकृष्णन ने कहा कि तकनीक जहां सूचना तक आसान पहुंच प्रदान करती है, वहीं पुस्तकालय समाज में गहराई, चिंतन और सार्थक संवाद को बढ़ावा देते हैं।
उन्होंने पुस्तकालयों को शिक्षा का मंदिर बताया और उन्हें ऐसे स्थान की संज्ञा दी जो आलोचनात्मक सोच को पोषित करते हैं और व्यक्तियों एवं समुदायों को सशक्त बनाते हैं।
उन्होंने "पुस्तकालय समुदायों को सशक्त बनाते हैं - वैश्विक परिप्रेक्ष्य" विषय पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए अपने वीडियो संदेश में ये बातें कहीं।
इसका आयोजन तिरुवनंतपुरम में पी. एन. पणिक्कर फाउंडेशन द्वारा किया गया था। यह कार्यक्रम केरल में संगठित पुस्तकालय आंदोलन के 80 वर्ष होने के अवसर पर मनाया जा रहा है।