बौद्ध संघ ने की करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस की निंदा

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 28-06-2021
लद्दाख बौद्ध संघ की शाखा कारगिल के पदाधिकारी
लद्दाख बौद्ध संघ की शाखा कारगिल के पदाधिकारी

 

फिरोज अहमद / श्रीनगर

लद्दाख बौद्ध संघ ने करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) की खुलेआम निंदा की है. संघ ने आरोप लगाया है कि केडीए पूरे जिले के सभी समूहों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है और उसने केंद्रीय गृह मंत्रालय को गुमराह किया है.

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के मुइबेख स्थित लद्दाख बौद्ध संघ की शाखा कारगिल ने कहा कि संघ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की सद्भावना का स्वागत करता है, ताकि नई दिल्ली में वार्ता के लिए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से हितधारकों को आमंत्रित किया जा सके. गृह मंत्रालय ने पिछले साल 2020 में जिला लेह से 6वीं अनुसूची आंदोलन के लिए एपेक्स बॉडी को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था और अब यह हमारे संज्ञान में आया कि गृह मंत्रालय ने कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) को पूरे कारगिल जिले का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक जुलाई, 2021 को नई दिल्ली में बुलाया है.

संघ ने कहा कि कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) जिला कारगिल के सभी समुदायों, धार्मिक संगठनों, नागरिक समाजों और राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, जैसा कि उनके द्वारा दावा किया गया है. हम भारत सरकार और लद्दाख के लोगों को जिला कारगिल के झूठे और अवैध प्रतिनिधित्व के लिए गुमराह करने के लिए कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) की कड़ी निंदा करते हैं.

बयान में कहा गया है कि कारगिल जिले के बौद्ध अल्पसंख्यक समुदाय ने पहले दिन से ही कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) की खुले तौर पर निंदा की, जो अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली के लिए कश्मीर सेंट्रिक पीपल एलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन का समर्थन कर रहे थे और कश्मीर केंद्रित गुप्पकार एलायंस के प्रति अपने झुकाव का समर्थन कर रहे थे.

बयान में कहा गया है कि करगिल जिले के बौद्ध अल्पसंख्यक समुदाय में 40 से अधिक राजस्व गांव शामिल हैं, जो लगभग 20 प्रतिशत आबादी के साथ पूरे जिले कारिगल के 60 प्रतिशत क्षेत्र को कवर करते हैं. हम जिला कारगिल के बौद्ध अल्पसंख्यक समुदाय, जो कि करगिल जिले के प्रमुख हितधारक हैं, नरेंद्र मोदी और अमित शाह से अनुरोध करना चाहते हैं कि कृपया हमें अलग से आमंत्रित करें, क्योंकि हम कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) का हिस्सा नहीं हैं और उन्हें भारत सरकार के साथ बातचीत के लिए निमंत्रण पहले ही दिया जा चुका है.

संघ ने कहा कि हमारी वास्तविक शिकायतों को भी यूटी लद्दाख और राष्ट्रीय मंचों और प्लेटफार्मों दोनों पर हमारे अपने प्रतिनिधित्व को आमंत्रित करके सीधे संबोधित किया जाना चाहिए.