कोलकाताः दुर्गा पूजा कमेटी में सभी मुस्लिम, एक हिंदू परिवार के लिए होगी पूजा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 29-09-2022
कोलकाताः दुर्गा पूजा कमेटी में सभी मुस्लिम, एक हिंदू परिवार के लिए होगी पूजा
कोलकाताः दुर्गा पूजा कमेटी में सभी मुस्लिम, एक हिंदू परिवार के लिए होगी पूजा

 

आवाज-द वॉयस / कोलकाता

खुशियों की नगरी कोलकाता में सांप्रदायिक सौहार्द हमेशा से अनुकरणीय रहा है. एक ऐसा शहर जहां हर त्योहार को सभी के त्योहार के रूप में देखा जाता है. अब जबकि दुर्गा पूजा का रंग शहर पर चढ़ने वाला है. ऐसी कहानियां सामने आ रही हैं जो इस शहर की संस्कृति और धार्मिक सहिष्णुता का खूबसूरती से वर्णन करती हैं.

शहर में मुस्लिमों द्वारा निर्मित पूजा पंडाल बनेगा, जो सद्भाव का संदेश देता है. एक ऐसा स्थान जहां मिशनरीज ऑफ चौरिटी की नन अपने हिंदू पड़ोसियों के साथ बातचीत करेंगी. एक जगह जहां हिंदू और मुस्लिम महिलाएं एक साथ पूजा की रस्में निभाती हैं. सेक्स वर्कर व्यवस्था में मदद करती हैं. एक ऐसा स्थानख् जहाँ दुर्गा मंत्र और अजान एक साथ लाउडस्पीकर के माध्यम से सुनाई देते हैं. यह कोलकाता की खूबसूरती है. पूरे देश के लिए एक मिसाल भी है.

अलीमुद्दीन गली की दुर्गा पूजा की बात करें, तो स्थानीय मुसलमानों ने 16 साल के अंतराल के बाद पिछले साल फिर से इसकी शुरुआत की थी. इस बार मिशनरीज ऑफ चौरिटी की नन पूजा में अपने हिंदू पड़ोसियों के साथ शामिल होंगी. छह सदस्यीय कमेटी है, जिसमें सभी मुसलमान हैं. समिति के एक सदस्य मुहम्मद शब्बीर ने कहा, ‘‘हम अपने पड़ोस में एक हिंदू परिवार के लिए इस पूजा का आयोजन कर रहे हैं. पिछले साल इस पूजा ने समाज के सभी वर्गों के लोगों को आकर्षित किया.’’

खिजरपुर में एक फाइव स्टार क्लब है, जिसके तत्वावधान में मुस्लिम लगभग 70 वर्षों से दुर्गा पूजा का आयोजन करते आ रहे हैं. आयोजकों में से 13 मुस्लिम हैं.

अलीपुर की पीली दुर्गा पूजा भी एक उदाहरण है. मस्जिद से सटा एक पूजा पंडाल 63 साल से धार्मिक सहिष्णुता की मिसाल है. पूजा सचिव सोरो मजूमदार के मुताबिक आयोजन समिति के 70 सदस्यों में 40 मुस्लिम हैं. वे (मुस्लिम सदस्य) सभी गतिविधियों में शामिल हैं - धन इकट्ठा करने और भोजन बांटने से लेकर संधि पूजा में भाग लेने तक. पंडाल के डिजाइन के बारे में विस्तार से बताते हुए कलाकार अनिर्बान दास ने कहा कि अनुष्ठान के अनुसार दुर्गा पूजा के दौरान कमरे की दहलीज से मुट्ठी भर मिट्टी का उपयोग करना जरूरी है. आयोजन स्थल को ‘रेड लाइट एरिया’ के रूप में तैयार किया गया है और आगंतुक निवासियों के जीवन की दुखद कहानी देख सकेंगे.