किसान आंदोलनः और तीखे हुए तेवर

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 14-02-2021
किसान आंदोलनः और तीखे हुए तेवर
किसान आंदोलनः और तीखे हुए तेवर

 

 
नई दिल्ली / गाजीपुर बॉर्डर / रोहतक
 
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के तेवर और तीखे हो गए हैं. आज इसके विरोध में हरियाण एवं राजस्थान में कई महापंचायतें होने जा रही हैं. राजस्थान की एक महापंचायत मंे कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे.धीरे-धीरे आंदोलन का राजनीतिकरण हो रहा है. 
 
इस बीच गाजीपुर बार्ड पर किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चा की एक बैठक हुई जिसमें अगले चार दिनों के कार्यक्रम का ऐलान किया गया. बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार,
 
‘‘रविवार को पुलवामा में शहीद जवानों और अब तक किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. 16 फरवरी को किसान मसीहा छोटूराम की जयंती के दिन देशभर में किसान एकजुटता दिखाएंगे. वहीं 18 फरवरी को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक देशभर में रेल रोको कार्यक्रम किया जाएगा.

शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे और आगे की रणनीति तय की. बैठक के बाद सभी किसान नेता मंच पर पहुंचे और किसानों को संबोधित किया. गाजीपुर बॉर्डर के मंच से राकेश टिकैत के अलावा, किसान नेता दर्शन पाल, युद्धवीर सिंह, और बलबीर सिंह राजेवाल के अलावा अन्य किसान नेता उपस्थित रहे. इस दौरान महाराज सूरजमल की जयंती मनाई और विद्वान कार्यकर्ता प्रोफेसर एमडी नानजुंदस्वामी को भी याद किया.
 
गाजीपुर बॉर्डर के मंच से किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि, ‘‘इस आंदोलन के समर्थन में पूरा देश है. यदि आंदोलन इसी तरह तेज रहा तो, कुछ जिलों में जिस तरह टोल फ्री हुए हैं, उसी तरह यूपी के टोल भी फ्री कराए जाएंगे.‘‘
 
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के लिए इस्तेमाल किए शब्दों की किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने आलोचना की.‘उन्होंने बॉर्डर पर बैठे किसानों से आह्वान किया कि,
 
‘‘किसान अपनी खुद की लड़ाई को भी कभी नहीं भूलता पुश्तों तक याद रखी जाती है उसी तरह इसे भी न भूलें. ये घाव मिटने नहीं चाहिए. आपके गांव में कोई भी बीजेपी का व्यक्ति या नेता आए तो प्रधानमंत्री के शब्दों को याद दिलाएं.‘‘

उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि, ‘‘सरकार समझ जाए यदि हमने गुस्से में कोई फैसला ले लिया तो सब भूखे मर जाएंगे. जिस तरह 26 जनवरी को ट्रैक्टर लेकर दिल्ली में घुसे, उसी तरह पैदल दिल्ली में घुस गए तो जगह नहीं बचेगी पैर रखने की.‘