तिरुवनंतपुरम. पूर्व विधायक और केरल जनपक्षम के अध्यक्ष पी.सी. जॉर्ज को रविवार को यहां की एक स्थानीय अदालत ने भड़काऊ भाषण के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद सशर्त जमानत दे दी. तिरुवनंतपुरम न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अदालत (2), न्यायमूर्ति आशा कोशी ने जॉर्ज को सशर्त जमानत दी.
अदालत ने कहा कि उन्हें अब भड़काऊ भाषण नहीं देना चाहिए, गवाह को प्रभावित नहीं करना चाहिए और कोई अप्रिय घटना नहीं करनी चाहिए.
जॉर्ज की ओर से पेश हुए एडवोकेट सस्थमंगलम अजित कुमार ने आईएएनएस को बताया कि यह मामला जमानती है. उन्होंने कहा कि पुलिस स्टेशन जमानत नहीं दे सकती क्योंकि जॉर्ज पर आईपीसी की धारा 153 ए और 295 ए के तहत आरोप लगाया गया था.
जॉर्ज ने मजिस्ट्रेट के कक्ष से बाहर आने के बाद मीडियाकर्मियों से कहा, "भारत में न्यायपालिका न्याय के लिए है और केरल के माननीय मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और उनकी पुलिस ने मुझे इस्लामिक आतंकवादी समूहों को रमजान उपहार देने के रूप में गिरफ्तार किया था."
कई बार विधायक रहे जॉर्ज 2021 के विधानसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र पुंजर से हार गए थे. मुस्लिम यूथ लीग और सीपीआई-एम की युवा शाखा डीवाईएफआई द्वारा विरोध करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग के बाद उन्हें रविवार तड़के गिरफ्तार कर लिया गया था.
इससे पहले पुलिस ने केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन को पी.सी. जॉर्ज से मिलने से रोका था.
केंद्रीय मंत्री ने सशस्त्र रिजर्व शिविर के बाहर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, "केरल पुलिस के दोहरे रुख हैं - वे एक केंद्रीय मंत्री को एक आरोपी से मिलने से रोकते हैं, लेकिन यूथ लीग द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर कार्रवाई करने में बहुत तेजी दिखाते हैं."