केरल हाई कोर्ट: नुकसान की भरपाई के लिए पीएफआई नेताओं की संपत्ति होगी जब्त

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 29-09-2022
केरल हाई कोर्ट: नुकसान की भरपाई के लिए पीएफआई नेताओं की संपत्ति होगी जब्त
केरल हाई कोर्ट: नुकसान की भरपाई के लिए पीएफआई नेताओं की संपत्ति होगी जब्त

 

कोच्चि. केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को अपने नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में बुलाए गए 23 सितंबर के बंद के दौरान हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में 5.20 करोड़ रुपये की राशि जमा करने का निर्देश दिया. जस्टिस ए.के. जयशंकरन नांबियार और सीपी मोहम्मद नियास ने पीएफआई के खिलाफ स्वत: संज्ञान लिया और राज्य की सभी निचली अदालतों को बिना मुआवजे के जमानत नहीं देने का निर्देश दिया. उन सभी लोगों पर व्यक्तिगत संपत्ति को जब्त करने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए, जो क्षति के लिए भुगतान करने में विफल रहे. अदालत ने एक दावा आयोग गठित करने का भी निर्देश दिया. निर्देशों के अनुसार, राज्य में सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुए नुकसान से उत्पन्न राज्य के साथ-साथ केएसआरटीसी द्वारा अनुमानित नुकसान के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग के साथ राशि का भुगतान दो सप्ताह के समय में किया जाना है.

इसने राज्य सरकार को सभी मामलों में पीएफआई के महासचिव अब्दुल सथर को अतिरिक्त आरोपी बनाने का भी निर्देश दिया. सरकार ने अदालत को सूचित किया कि 1,992 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 687 को एहतियातन हिरासत में लेकर 487 मामले दर्ज किए गए. कोर्ट से सवाल किया गया कि, "जब भी हड़ताल शब्द कहा जाता है तो नागरिकों के बीच इसका एक अलग अर्थ होता है. लोग सदा भय में रहते हैं. आम आदमी का इससे क्या लेना-देना? आम आदमी भुगत रहा है और किसलिए? आपकी एक विचारधारा का समर्थन नहीं कर रहे हैं?"

अदालत का यह कड़ा निर्देश तब आया जब राज्य ने केंद्र के निर्देश पर एक आदेश जारी किया, जिसमें केरल पुलिस को उचित कदम उठाने के लिए कहा गया, जिसमें ऐसे संगठन जो प्रतिबंधित है, उनके सभी कार्यालयों को बंद करने के अलावा बैंक खातों को फ्रीज करने जेसा निर्देश शामिल था.