केरल में मिले जीका वायरस के 14 मामले

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 09-07-2021
वीना जॉर्ज
वीना जॉर्ज

 

तिरुवनंतपुरम. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने जीका वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए एक कार्य योजना तैयार की है.

एक गर्भवती महिला सहित 14 लोगों के मच्छर जनित वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद राज्य के सभी जिलों में हाई अलर्ट है.

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि तिरुवनंतपुरम जिले से भेजे गए 19 नमूनों में से पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), 13 जीका के लिए सकारात्मक पाए गए.

उन्होंने कहा, “सभी 13 तिरुवनंतपुरम के निजी अस्पताल में काम करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं. वे शहर के एक अस्पताल के पास रहते थे. शहर के उन क्षेत्रों और उनके यात्रा इतिहास की जांच के बाद तत्काल कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, 24 साल- पिछले दिन अस्पताल में जांच के दौरान बूढ़ी महिला को इस बीमारी का पता चला था. इससे 14 लोगों में इस बीमारी की पुष्टि हुई है.”

कार्य योजना के बारे में उन्होंने कहा, “उन क्षेत्रों और अस्पतालों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कड़े निवारक उपाय किए जाएंगे, जहां बीमारी की सूचना होने की संभावना है. मच्छर नियंत्रण सबसे महत्वपूर्ण है. विभिन्न विभागों द्वारा समन्वित कार्रवाई की जाएगी.”

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि सभी जिला चिकित्सा अधिकारियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है और घबराने की कोई बात नहीं है.

वीना जार्ज ने कहा, “सभी अस्पतालों को सतर्क रहना चाहिए. जीका वायरस का पता लगाने वाली प्रयोगशाला की सुविधा को बढ़ाया जाएगा. मेडिकल कॉलेजों के बाहर के मामलों की भी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला में जांच की जाएगी. प्रशिक्षण और जागरूकता का आयोजन किया जाएगा. निजी अस्पतालों को भी निवारक उपायों में शामिल किया जाएगा. जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.”

उन्होंने बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द या लाल धब्बे जैसे लक्षणों वाले लोगों से तुरंत इलाज कराने और स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करने का आग्रह किया.

जीका वायरस दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी गुइलेन-बैरे सिंड्रोम, न्यूरोपैथी और मायलाइटिस को ट्रिगर करने के लिए भी जाना जाता है, खासकर वयस्कों और बच्चों में.

मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा प्रेषित वायरस के कारण, जो दिन के दौरान काटते हैं, इस बीमारी के लक्षण हल्के बुखार, दाने, नेत्रश्लेष्मलाशोथ, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता या सिरदर्द हैं.

गर्भावस्था के दौरान जीका वायरस के संक्रमण से शिशुओं का जन्म माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात विकृतियों के साथ हो सकता है, जिन्हें जन्मजात जीका सिंड्रोम कहा जाता है. जीका वायरस से संक्रमण गर्भावस्था की अन्य जटिलताओं से भी जुड़ा है, जिसमें समय से पहले जन्म और गर्भपात शामिल हैं.

इससे पहले वर्ष 2016-17 में गुजरात में जीका का प्रकोप हुआ था.