जानिए, किन कश्मीरी हस्तशिल्पियों को मिले शिल्प गुरु और राष्ट्रीय पुरस्कार?

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 1 Years ago
जानिए, किन कश्मीरी हस्तशिल्पियों को मिले शिल्प गुरु और राष्ट्रीय पुरस्कार?
जानिए, किन कश्मीरी हस्तशिल्पियों को मिले शिल्प गुरु और राष्ट्रीय पुरस्कार?

 

नई दिल्ली. कश्मीर के हस्तशिल्प कारीगरों ने विभिन्न शिल्प श्रेणियों में दो शिल्प गुरु और छह राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार जीतकर घाटी का नाम रोशन किया है. जम्मू-कश्मीर के सूचना और जनसंपर्क विभाग के एक बयान में कहा गया है कि शिल्प गुरु पुरस्कार उत्कृष्ट शिल्प कौशल, उत्पाद उत्कृष्टता और पारंपरिक विरासत के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में अन्य प्रशिक्षु कारीगरों को शिल्प की निरंतरता में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका के लिए मास्टर शिल्पकारों को दिए जाते हैं.

पुरस्कार 2002 में भारत में हस्तशिल्प के पुनरुत्थान की स्वर्ण जयंती मनाने के लिए शुरू किए गए थे. पुरस्कार में एक सोने का सिक्का, 2 लाख रुपये की पुरस्कार राशि, एक ताम्रपत्र, एक शॉल और एक प्रमाण पत्र शामिल है. विभिन्न शिल्प श्रेणियों में उत्कृष्ट शिल्प कौशल के लिए 1965 से राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं. इस पुरस्कार में एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि, एक ताम्रपत्र, एक शॉल और एक प्रमाण पत्र शामिल है.

शिल्प गुरु पुरस्कार उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा प्रदान किए गए, जबकि राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार केंद्रीय कपड़ा, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यहां विज्ञान भवन में प्रदान किए. पुरस्कार श्रेणियों की घोषणा वर्ष 2017, 2018 और 2019 के लिए एक शानदार सभा के बीच की गई थी, जिसमें विकास आयुक्त हस्तशिल्प कार्यालय के अधिकारी शामिल थे.

शिल्प गुरु और राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे उस्ताद शिल्पकारों की अनूठी प्रतिभा भारत का प्रतिनिधित्व करती है. उन्होंने शिल्प गुरु पुरस्कार विजेताओं से कहा, ‘‘अपनी सूक्ष्म कारीगरी से आप भारत की सांस्कृतिक विविधता को सुशोभित और समृद्ध करते हैं. आप कौशल और शिल्प कौशल की भारत की समृद्ध परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हैं.’’

उन्होंने भारतीय शिल्पकारों को हमारी संस्कृति और रचनात्मकता का प्रभावशाली दूत बताते हुए कहा कि उन्हें सम्मानित कर राष्ट्र उन अज्ञात कुशल शिल्पकारों की उन पीढ़ियों का सम्मान कर रहा है, जो अपने पीछे इतनी समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं. पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए, उन्होंने देश के कारीगर समुदाय को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. उन्होंने विश्व प्रसिद्ध हस्तशिल्प उत्पादों के उत्पादन के लिए जिम्मेदार इस अद्वितीय कौशल को संरक्षित करने पर भी जोर दिया.

पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों में दिए गए जिनमें सोजनी, पेपर माची और कालीन शामिल थे. सोनपाह बीरवाह के बशीर अहमद भट और गाजी दूरी के इकबाल हुसैन खान को क्रमशः जमवार शॉल शिल्प और पेपर माची में वर्ष 2018 और 2019 के लिए शिल्प गुरु पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

इसी तरह काठी मैदान श्रीनगर के मुजफ्फर हुसैन खुशू (पेपर माची, 2019), शल्ला बाग जदीबल के जहूर अहमद भट (सोजनी एम्ब्रायडरी, 2019), सोनपाह बीरावाह के सफदर अली मीर (सोजनी एम्ब्रायडरी, 2018), परवेजा को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. काठी मैदान आलमगरी बाजार की बानो (सोजनी एम्ब्रायडरी, 2018), हवाल क्राल पोरा के अख्तर हुसैन राठेर (पेपर माची, 2017) और शाहू सचान कुलगाम के गुलाम अली शेख (हैंड नॉटेड कार्पेट, डबल साइडेड, 2017).

कार्यक्रम में रचना शाह, सचिव, कपड़ा मंत्रालय, शांतमनु, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), कपड़ा मंत्रालय, भारत भर से पुरस्कार विजेता और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे. इस बीच, निदेशक हस्तशिल्प और हथकरघा कश्मीर महमूद अहमद शाह ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी है. उन्होंने कहा, ‘‘विभाग बडगाम जिले के सोनपाह गांव में उपलब्ध रचनात्मक प्रतिभा से अवगत है, जिसके परिणामस्वरूप गांव को शिल्प ग्राम के रूप में विकसित करने के लिए एक डीपीआर तैयार किया गया है और भारत सरकार को प्रस्तुत किया गया है.’’