श्रीनगर. भाईचारे और आपसी सद्भाव के संदेश में फिरदौस ड्रामेटिक क्लब ने गुरुवार को श्रीनगर के टैगोर हॉल में एक मंच नाटक ‘नाम ते माज’ का आयोजन किया. आयोजकों के अनुसार नाटक का उद्देश्य कश्मीरी मुस्लिम और कश्मीरी पंडित समुदाय के बीच प्यार और स्नेह को दर्शाना था.
नाटक के निदेशक हसन जाविद ने राइजिंग कश्मीर को बताया कि नाटक का उद्देश्य मुसलमानों और कश्मीरी पंडित समुदाय के बीच प्यार को दिखाना था.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह दिखाने के लिए एक नाटक का मंचन किया कि कश्मीरी मुसलमान और कश्मीरी पंडित दोनों एक हैं, क्योंकि हम सभी एक साथ बड़े हुए हैं. ऐसा प्यार और स्नेह था कि त्योहारों या शादी के मौकों पर हम सब एक ही जगह हुआ करते थे.’’
जाविद ने कहा कि नाटक के मंचन के दौरान एक संदेश दिया गया था कि कोई भी दो समुदायों को अलग नहीं कर सकता है और कहा कि कश्मीरी मुसलमान हमेशा कश्मीरी पंडित समुदाय का स्वागत करेंगे.
जाविद ने कहा, ‘‘एक दूसरे के प्रति स्नेह, प्रेम और सम्मान दिखाने के लिए नाटक में विभिन्न कृत्यों का प्रदर्शन किया गया. मुख्य नाटक में लगभग 15 कलाकारों ने भाग लिया, जिसमें घाटी के कुछ वरिष्ठ और प्रमुख कलाकार शामिल थे. नाटक ‘नाम ते माज’ सोहन लाल कोल द्वारा लिखा गया है जो सदियों पुराने हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को दर्शाता है.’’
इस अवसर पर विभिन्न कलाकारों, कवियों, जिन्होंने पूरे नाटक को देखा, ने मंच नाटक की सराहना की और कहा कि इस तरह का संदेश इस तरह के नाटकों से अधिक जाना चाहिए.