शीतकालीन पर्यटन ने जगाईं कश्मीर के फिर से गुलजार होने की उम्मीदें

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 05-03-2021
गुलमर्ग में स्कीइंग का आनंद लेते पर्यटक
गुलमर्ग में स्कीइंग का आनंद लेते पर्यटक

 

 

एहसान फाजिली / श्रीनगर

इन सर्दियों में पर्यटकों ने कश्मीर के पर्यटन ऑपरेटरों की बांछें खिला दी हैं. गुलमर्ग ने पिछले तीन महीनों के दौरान 1.25लाख पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या आकर्षित की. यह पहली बार है कि जब स्की स्लोप के लिए मशहूर कश्मीर के इस विंटर रिसॉर्ट ने इतने जयादा पर्यटकों को आकर्षित किया.

गुलमर्ग आने वाले पर्यटकों के इस प्रवाह में 15 विदेशी पर्यटकों की छोटी, लेकिन महत्वपूर्ण संख्या भी शमिल रही. इसके अलावा उनमें 57,259 घरेलू और 68,099 स्थानीय पर्यटक शुमार थे.

पर्यटकों के आने का यह क्रम गुलमर्ग में 26 फरवरी से 2मार्च तक आयोजित दूसरे राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों के साथ जीवंत हुआ. इस 27 खेलों और सांस्कृतिक स्पर्धाओं वाले कार्यक्रमों के कारण यहां के सभी होटलों पर तख्ती लटक गई ‘आल रूम्स फुल’. ऐसा 2 अगस्त, 2019 के बाद पहली बार हुआ है कि जब पर्यटकों को घाटी छोड़ने के लिए कह दिया गया था.

गुलमर्ग ने पड़ोसी राज्यों के पर्यटकों को व्हाइट क्रिसमस और नए साल का आनंद लेने के लिए भी आते देखा.

पर्यटकों ने धारा 370 के निरस्त होने के बाद से कश्मीर को लगातार मिस किया है. हालांकि कश्मीर में किसी रक्तपात और विरोध-प्रदर्शन की आशंका के तहत लगाए गए प्रतिबंध के एक महीने बाद ही स्थिति सामान्य होने लगी थी, लेकिन किसी अनहोनी के डर से फिर भी पर्यटक कश्मीर नहीं जा रहे थे. और जब पर्यटन संचालक 2020 के वसंत में अच्छे बिजनेस की आस में तैयारी कर रहे थे, तो कोरोना वायरस आ गया. कोविड-19 ने दुनिया को एक डरावने पड़ाव पर ला खड़ा किया और कश्मीर इसमें कोई अपवाद नहीं था.

जम्मू और कश्मीर की अर्थव्यवस्था में पर्यटन की अहम भूमिका है. किंतु महामारी के कारण जम्मू में माता वैष्णो देवी का मंदिर भी बंद कर दिया गया था. इस मंदिर में 2018 तक 86 लाख तीर्थयात्रियों की वार्षिक आमद रही है.

उसके बाद कश्मीर में पर्यटकों का आगमन ऐसे समय में हुआ, जब पिछले तीन दशकों के न्यूनतम तापमान के बावजूद न केवल आर्थिक गतिविधियां पुनर्जीवित हुईं, बल्कि ‘चीयर्स’ का माहौल भी बन गया और गर्मियों के मौसम में घरेलू पर्यटकों के आने का अच्छा संकेत मिला है.

कश्मीर के कुछ पांच सितारा होटलों सहित शीर्ष होटलों की संस्था जम्मू-कश्मीर होटलर्स क्लब के संयुक्त सचिव नसीर अहमद खान ने कहा, “हालात इस साल बेहतर हैं और अप्रैल-मई तक लगभग पूर्ण (होटल) बुकिंग हैं.”

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गुलमर्ग में पहले इग्लू कैफे पर जाने वाले लोग (फोटो: बासित जरगर)


नसीर खान ने कहा कि 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद कश्मीर में अशांति देखी गई. पर्यटकों के आगमन में अचानक गिरावट आ गई और अगले कुछ वर्षों तक पर्यटकों के आने की रफ्तार प्रभावित रही. खान ने बताया कि विंटर सीजन के बाद गुलमर्ग के सभी होटलों में हाउस फुल होने के बाद, पर्यटकों ने पहलगाम और सोनमर्ग जैसे अन्य रिसॉर्ट्स की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है.

ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर (टीएएस) के अध्यक्ष फारुक कुथू ने कहा, “भारत में एकमात्र पसंदीदा पर्यटन स्थल कश्मीर है, जो कश्मीर में पर्यटकों की अच्छी संख्या ला रहा है.” उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बंद कर दिया गया था. फिर भी होटलों में पर्यटकों की अच्छी संख्या रही और अप्रैल-मई तक पूरी बुकिंग है, लेकिन सस्ते होटलों में इस सीजन में अच्छा व्यवसाय नहीं हुआ है.

श्रीनगर हवाई अड्डे के कैब चालक फयाज अहमद का कहना है, “पर्यटक अच्छी संख्या में पहुंचे, क्योंकि पिछले साल की शुरुआत में कोविड और लॉकडाउन के कारण पूरी दुनिया का दम घुट रहा था.”

श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट टैक्सी स्टैंड ड्राइवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद अशरफ के अनुसार, गुलमर्ग में जनवरी में आयोजित विभिन्न त्योहारों के दौरान पर्यटकों का प्रवाह अधिक था.

जम्मू-कश्मीर सरकार के पर्यटन विभाग ने पिछले साल जुलाई में कश्मीर को पर्यटकों के लिए खोल दिया था और जुलाई के महीने में कश्मीर को पहली बार 186 पर्यटक मिले. पर्यटन विभाग ने पर्यटकों को बुलाने के लिए घाटी में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के अलावा, कोलकाता, महाराष्ट्र और गुजरात में पर्यटन व्यापारियों के साथ वेबिनार का आयोजन किया, जिसमें सभी तैयारी और आवश्यक कोविड एसओपी के साथ पर्यटकों को आमंत्रित किया गया. कश्मीर पर्यटन के उप निदेशक इदरीस सलीम ने कहा, “इन कार्यक्रमों का आयोजन कश्मीर के पर्यटन स्थलों के बारे में फिर से चर्चा करने के लिए किया गया था.”

इन प्रयासों के कारण पिछले साल जुलाई से दिसंबर तक छह महीनों में 24000 पर्यटक कश्मीर पहुंचे.

सरकार श्रीनगर में आगामी बादामवारी और ट्यूलिप उद्यान त्योहारों के लिए पर्यटन को व्यवस्थित करने का भी प्रयास कर रही है. ये दोनों त्योहार कश्मीर में वसंत की शुरुआत में आते हैं.